
उप संपादक
मधेपुरा/बिहार : रमजान के तीसरे शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों में इबादत करनेवालों की काफी भीड़ रही। रोजे के 18वां दिन एक तरफ जहाँ जिले के सभी मस्जिदों में मुसलमानों ने पुरे अकीदे के साथ जुमे की नमाज अदा की वहीँ जिला मुख्यालय स्थित शहर के जामा मस्जिद में भी सैंकड़ों रोजेदारों ने, जमा मस्जिद के इमाम व खतीब मौलाना मुस्तकीम की इमामत में जुमे की नमाज अदा कर मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी।
क्या बड़े और क्या छोटे सभी परवर दिगार की इबादत में पलके बिछाये दिखे और उपवास रखकर अपनी आस्था प्रदर्शित की। हालांकि शहर का तापमान 35 डिग्री से अधिक है बावजूद इसके रोजेदार रोजे रख कर अल्लाह को उनके नेमत के लिए शुक्रिया अदा करने में जुटे रहे। इस बार माह-ए – रमजान में चार जुमा की है। अगला जुमा अलविदा जुमा है, जो इस माहे रमजान का चौथा और आखरी जुमा होगा। स्थानीय निवासी मो आतिफ बताते हैं कि रमजान में खुदा ने कुरआन शरीफ नाजिल की और उम्मत-ए-मोहम्मदी को बेश कीमती नेमत से नवाजा।

इस्लाम धर्म का पवित्र माह है माहे-रमजान
माहे रमजान के तीरे जुमा को जिले के उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज, ग्वालपाड़ा, चौसा, पुरेनी, घैलाढ़, सिंहेश्वर, शंकरपुर सहित अन्य जगहों पर मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए भीड़ लगी रही। इमाम ने बताया कि रमजान का महीना इस्लाम धर्म का पवित्र महीना है। पुरे माह पवित्रता के साथ रोजे रख कर और अल्लाह की इबादत कर उपवास तोड़ते हैं और जल ग्रहण करते हैं। उन्होंने बताया कि इस माह में दान का बड़ा महत्व है। दान गरीब तबके के कल्याण और सेवा के लिए किया जाता है।
