मधेपुरा : बीएनएमयू के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन के प्रयास तेज, अप्रैल में आईआईक्यूए में पंजीकरण कराने का निर्देश

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : राजभवन के निर्देशानुसार बीएनएमयू के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। सभी महाविद्यालयों को अप्रैल में आईआईक्यूए में पंजीकरण कराने का निर्देश दिया गया है। इस बावत बुधवार को सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालय के प्रधानाचार्यों एवं आइक्यूएसी के नोडल पदाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय की अध्यक्षता में केंद्रीय पुस्तकालय में संपन्न हुई।

कुलपति ने कहा कि राजभवन के निर्देशानुसार सभी महाविद्यालयों को अविलंब नैक मूल्यांकन हेतु आईआईक्यूए के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य है। सभी महाविद्यालय 15 अप्रैल तक पंजीयन करा लें। यदि किसी कारणवश 15 अप्रैल तक पंजीकरण नहीं हो पाता है, तो हरहाल में 30 अप्रैल सभी महाविद्यालयों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही इसकी सूचना विश्वविद्यालय को ससमय प्रेषित की जाए।

बैठक में इस बात की भी चर्चा की गई के विद्यार्थियों की समस्याओं को प्रधानाचार्य गंभीरता से लें एवं उनका निदान अपने स्तर पर करने की कोशिश करें। यदि ऐसी समस्याएँ हैं, जिसका निदान विश्वविद्यालय द्वारा ही संभव है, तभी विद्यार्थियों के आवेदन पत्रों को विश्वविद्यालय के लिए अग्रसारित किया जाए। महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के नामांकन गवर्नमेंट द्वारा निर्धारित सीटों के आधार पर ही करें और उनका विधिवत पंजीकरण सुनिश्चित करें। सभी प्रधानाचार्य बैचलर डिग्री एवं सेमेस्टर सिस्टम पीजी के ऑर्डिनेंस एवं रेगुलेशंस की प्रति अपने टेबल पर रखें और उसे महाविद्यालयों के वेबसाइट पर अपलोड करवाएं। महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति एवं संख्याओं को बढ़ावा दें। शिक्षकों को वर्ग में जाने के लिए प्रेरित करें। यदि कोई शिक्षक अपनी कक्षा नहीं ले अथवा निर्धारित समय तक महाविद्यालय में नहीं रहे, तो उन पर यथोचित कार्रवाई करें।

वित्त परामर्शी सुरेश चंद्र दास ने से संबंधित सभी पंजियों को दुरुस्त करने पर बल दिया। यदि 19 अप्रैल तक सभी पंजी दुरुस्त नहीं होगी, तो इसे वित्तीय अनियमितता मानी जाएगी। महाविद्यालयों के कर्मियों का पूरा ब्यौरा 74 प्वाइंट्स वाले फॉर्म को यथाशीघ्र भरकर विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएं। यदि यह फॉर्म उपलब्ध नहीं हो पाता है, तो अगले माह का वेतन उपलब्ध कराना विश्वविद्यालयों के लिए विश्वविद्यालय के लिए मुश्किल होगा।

बैठक में विभिन्न महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने अपने-अपने महाविद्यालय से संबंधित समस्याओं को रखा। कुलपति ने उसके समाधान हेतु संशोधित पदाधिकारियों को निदेश दिया।

इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली, वित्त परामर्शी सुरेश चंद्र दास, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, उप कुलसचिव अकादमिक डाॅ. एम आई रहमान, खेल सचिव डॉ. अबुल फजल, परिसंपदा पदाधिकारी डाॅ. बी. पी. यादव, नोडल पदाधिकारी डाॅ. अशोक कुमार सिंह और विभिन्न महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य आदि उपस्थित थे।


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