मधेपुरा : पांच सालों तक एक बेटा, एक भाई बनकर मैंने कोसिवासियों का सेवा किया, अब बारी कोसी की जनता की -पप्पू यादव

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मानवता, इंसानियत, लोकतंत्र और देश के सवालों पर मेरे जैसे व्यक्ति की बली हो तो ठीक है लेकिन यह बचनी चाहिए। 28 दिनों से जितना अपमान हमने झेला मुझे लगता है कि जितना भी अपमान मुझे झेलना पड़े वह मैं झेलूंगा, किसी भी परिस्थिति में। मुझे कहा गया कि अपना रिश्ता, माटी, मां को छोड़ दो, मैंने कहा छोड़ दूंगा, मुझे कहा गया कि मधेपुरा छोड़ दो, पूर्णिया छोड़ दो, खगड़िया चले जाओ। मुझे अपनी ही मिट्टी अपनी धरती अपनी मां से अलग करने की कोशिश की गई। और जिनका दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है, जो व्यक्ति गरीब युवाओं को पहचानना तक उचित ना समझता हो, जिसे गरीबों का शरीर एवं कपड़े गंध लगते हो। वैसे को इवेंट्स मैनेजमेंट के तहत उम्मीदवार बनाया गया।   देश की सभी पार्टियां अब डेमोक्रेटिक पार्टी नहीं रह गई है। सभी पार्टी अब इवेंट्स मैनेजमेंट हो गई है। इवेंट्स मैनेजमेंट के तहत यह लोग जनता को हांकते हैं।

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 उक्त बातें जिला मुख्यालय के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित जाप नेता ललटू यादव के आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान मधेपुरा लोकसभा सांसद सह जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कही। उन्होंने कहा कि मेरे लिए जनता मेरा भगवान है, जनता ही मेरा परिवार है। और इन लोगों के लिए जनता इवेंट्स मैनेजमेंट का एक औजार है। सांसद ने कहा कि सब अपमान के बाद मुझे लगा कि अब मेरी मिट्टी मेरी मां और मेरा भाई ही तय करेगा कि इवेंट्स मैनेजमेंट दिल्ली और पटना सही है कि कोसी की मिट्टी और हमारी मां और हमारी मां का घर और आंगन सही है।

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 उन्होंने कहा कि सेवा, मदद,  और लोगों की भाले के लिए लगातार संघर्ष  करना सही है या फिर उन्मादी गठबंधन सही है। यह कोशी की जनता तय करेगी। हमने एक मुकम्मल आजादी की लड़ाई की शुरुआत मधेपुरा से की है। वहीँ पुरनियाँ से चुनाव लड़ने के सवाल पर पप्पू यादव ने कहा कि 15 साल तक दूर रहने के बावजूद आज भी मैं पुर्नियावासियों के दिलों में हूँ, पूर्णिया की जनता के द्वारा मुझे बार-बार वहां बुलाया जा रहा है। लेकिन मुझे लगा कि जहां मैंने जिंदगी को पांच साल दिया है, जहां मैंने हर घर से रिश्ता बनाया है, जहां मैंने एक परिवार बनाया है, जहां मैंने एक बेटे की तरह पैर छूना और हाथ जोड़ना सीखा है, मैं उस जगह से दूर नहीं हो सकता हूं। अगर मैं भी यहां छोड़ देता हूं तो मधेपुरा और हर घर में कौन रहेगा, हर घर का आंसू कौन पोछेगा? यहां की सेवा कौन करेगा? फिर सेवा आश्रम कहां होगा? फिर लोगों के रहने के लिए रेन बसेरा कहां होगा? फिर एक सेवक कौन होगा? फिर लोगों के लिए मरने की हिम्मत किसकी होगी?

सांसद पप्पू यादव ने कहा कि सभी स्थिति को देखते हुए मैंने निर्णय लिया की हर परिस्थिति में मधेपुरा का जो सेवक है वह मधेपुरा का ही सेवक रहेगा। जिसने पांच साल सर पर बोझा ढो कर बाढ़ और तूफानों की बीच हर घर से रिश्ता बनाया है। जाति धर्म और मजहब को समाप्त कर इंसानियत को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि देखना है हमें की जाति धर्म मजहब नफरत का गठबंधन जीतता है या फिर से, मदद, संघर्ष और अंतिम व्यक्ति के लिए न्याय करने वाला जीतता है। यह जीत हार पप्पू की नहीं है, यह जीत हार कोसी की है।

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बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि मुझे वह वरिष्ठ नेताओं के द्वारा अपमानित तक किया गया, सुपौल सांसद रंजीत रंजन के नाम पर मुझे ब्लैकमेलिंग तक किया गया। जब आप नीतीश कुमार, मायावती और अनंत सिंह से समझौता कर सकते हैं तो फिर पप्पू यादव, जिसने 90 के दशक से लेकर अब तक लालू यादव के साथ खड़ा रहा है उसके साथ क्यों नहीं? कुछ लोग मधेपुरा के सीट को परंपरागत सीट कहते हैं। तो मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि उसी परंपरागत वोट के खून से मैं भी पैदा लिया हूँ, मेरा भी जन्म उसी गरीब, कमजोर, वंचित के पेट से हुआ है, मेरा भी निर्माण इसी कोसी – पूर्णिया के मां की आंचल में हुआ है।

 सांसद पप्पू यादव ने कहा कि जब भूपेंद्र बाबू और बीपी मंडल का यह मधेपुरा हो सकता है तो फिर उसकी विरासत को देखने वाले पप्पू यादव का मधेपुरा क्यों नहीं हो सकता है? यहां की मिट्टी में मैंने जीना सीखा है, जो वोट कर्पूरी ठाकुर के बाद लालू यादव के साथ खड़े रहे, जिस विरासत को लालू यादव ने सवारा उसी विरासत की लड़ाई पप्पू यादव ने लड़ी। अगर इस विरासत का हकदार बिहार में लालू यादव के बाद कोई है तो वह सिर्फ पप्पू यादव है। खुशी ने हमेशा इंसानियत का पैगाम दिया है और इस बार भी खुशी इंसानियत का पैगाम देगा। मुझे वह लोग वोट देंगे जो गांव में बुजुर्ग हैं, जो युवा हैं, जो जीना और मुस्कुराना चाहता है, जो रिश्ते के साथ जीना चाहता है, जो रिमोट के साथ जीना नहीं चाहता है, जिनका सम्मान कहीं नहीं होता हो।

सांसद पप्पू यादव ने कहा कि हर हालत को समझकर मैंने अंत में निर्णय लिया की मुझे मधेपुरा से चुनाव लड़ना है। मैं मर जाऊं, मुझे मार दे लेकिन फिर भी मैं मधेपुरा में ही रहूंगा और 28 तारीख को 11:30 बजे में नॉमिनेशन दूंगा। अब जिम्मेदारी कोसी की जनता का है। पांच साल मैंने सेवा की, अब 23 दिन कोसी की जनता तय करेगा कि उनका बेटा कौन होगा। वह लोग जो कोसी की धरती का इस्तेमाल किया या फिर वह लोग जो कोसी की खून में समर्पण दिया।

प्रेस वार्ता के दौरान सपा छात्र जिलाध्यक्ष सहरसा अमित यादव, अभाविप छात्र नगर सह मंत्री मो सरफराज आलम, सोनू कुमार, मो इरशाद आलम ने सांसद पप्पू यादव के हाथों से जन अधिकार छात्र परिषद का सदस्यता ग्रहण किया। सांसद ने छात्र नेताओं को माला पहनाकर पार्टी में स्वागत किया।

 मौके पर जाप जिलाध्यक्ष प्रो मोहन मंडल, डा अशोक यादव, प्रो रामचन्द्र मंडल, प्रो अभय बाबू, प्रो अरूण बाबू, सांसद प्रतिनिधि रामकुमार बाबू, ई विमल किशोर गौतम, अजिर बिहारी बाबू, अखिलेश कुमार, मो अल्लाउद्दीन जी, मुखिया अरूण यादव, मुखिया अनिल अनल, सुरेन्द्र प्रसाद यादव, उमेश कोइराला, महिला जिलाध्यक्ष नूतन सिंह, बीके आरियन, प्रिंस गौतम, पुष्पेन्द्र कुमार पप्पू, छात्र जाप प्रदेश अध्यक्ष गौतम आनन्द, गौपि कृष्ण, रामचन्द्र यदुवंशी, प्रेम सागर खुशखुश, जाप विश्वविद्यालय अध्यक्ष अमन कुमार रितेश, जिलाध्यक्ष रोशन कुमार बिट्टू, छात्र संघ विश्वविद्यालय अध्यक्ष कुमार गौतम, देबाशीष पासवान, शैलेन्द्र कुमार, निगम सिंह, रामप्रवेश यादव, विवेक यादव, सामन्त कुमार, वीडियो यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


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