दरभंगा : काँग्रेस की सदस्यता लेने के बाद आज दरभंगा पहुँचे कीर्ति झा आज़ाद, भाजपा संगठन को लिया आरे हाथो

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ज़ाहिद  अनवर (राजु)
उप संपादक

दरभंगा/बिहार : आज दरभंगा के वर्तमान सांसद कीर्ति झा आजाद काँग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पहली बार दरभंगा पहुँचे। आने के बाद उन्होंने सभा को संबोधित किया। आज उनके निशाने पर केन्द्र और राज्य सरकार तो थी हीं भाजपा संगठन को भी आड़ेहाथ लेने में वे पीछे नहीं रहे।

अपने संबोधन में उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वर्ष 1998 से पहले यहां भाजपा को कोई पहचानने वाला नहीं था। वे और उनकी पत्नी ने मिलकर यहां भाजपा की पहचान बनाई। परिणाम स्वरूप 80 प्रतिशत भाजपा संगठन से जुड़े लोग उनके साथ हैं। कांग्रेस कार्यालय में आयोजित भीड़ को संबोधित करते हुए कीर्ति आजाद ने आरोप लगाया कि केन्द्र में पांच साल से जो सरकार चल रही है। वह अटल, आडवाणी और भाजपा की नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुखौटे का सच के पीछे को मैने देखा है। उन्होंने कहा कि मिथिलांचल का एक भी शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा नहीं दिया गया। सांसद ने कहा कि राम मंदिर तो नहीं ही बना, उसके बदले तीन तलाक पर अटक गये। अपने निलंबन पर अपना दर्द व्यक्त करते हुए कहा कि ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का, यार ने ही लूट लिया घर यार का’। उन्होंने कहा कि अरूण जेटली पर वे भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो मुझे निलंबित किया गया और 4 सालों तक अपने अपमान सहता रहा। उन्होंने कहा कि 15 साल से वे दरभंगा के सांसद हैं, लेकिन साम्प्रदायिकता के साथ समझौता नहीं किया।

उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि वह दरभंगा से ही चुनाव लड़ें लेकिन कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे। समारोह की अध्यक्षता करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ.मदन मोहन झा ने कीर्ति के कांग्रेस में आने का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय काफी अच्छा है। कांग्रेस नेत्री एवं सांसद पत्नी पूनम झा आजाद ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे अवसरवादी कहने वाले खुद अवसरवादी हैं।

उन्होंने कहा कि मेरा डीएनए ही कांग्रेसी है। मैं तो पहले से ही कांग्रेसी हूं और मेरे पति भी कांग्रेस में आ गये हैं अब हम पूर्ण हो गये हैं।

इस मौके पर जदयू छोड़ कांग्रेस में आने वाले पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा, जिलाध्यक्ष सीताराम चौधरी, पूर्व महापौर अजय कुमार जालान, डॉ.कमरूल हसन, रामनारायण झा, जहांगीर आलम, ज़ीशान फ़ारूक़ी, रतिकांत झा, प्रो मिथलेश पासवान, विनय कुमार, रीता सिंह, हादी सिद्दीकी, नरेन्द्र झा, प्रतिभा सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे। मंच संचालन रेयाज अहमद खान ने किया।


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