मधेपुरा : शहीद जवानों को श्रद्धांजलि के साथ निकला आक्रोश मार्च

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बड़ी संख्या में लोगों ने लिए भाग  राष्ट्र की अखंडता पर दलीय नेताओं ने दिखाई एकजुटता
बढता गया कारवां जुटते रहे लोग  बच्चे, नोजवान और बूढे निकले सड़क पर  पहली बार दिखा जवानों के मौत का आक्रोश

प्रेमजीत कुशवाहा
 संवाददाता
उदाकिशुनगंज, मधेपुरा

उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : श्रद्धा सुमन के लिए हाथों में केंडल, आंखों में आंसू और जुबां पर आग का ज्वाला फूंटता सड़क पर निकले लोगों के कारवां को देख हर लोगों का दिल पसीजता नजर आया। मानों देश नहीं खुद का बेटा और भाई खोया हो।

कल तक बिस्तर और दरबाजे पर पड़े रहने वाले बुजुर्ग भी जवां हो उठे और कारवां के साथ हो लिए। नौजवान को कौन कहे, बच्चों और बूढों के मुंह से पाकिस्तान सरकार और उसके समर्थित आंतकवादो के खिलाफ आग की ज्वाला फूट रही थी। हर जुबां खून के बदले खून मांग रहे थे। चंद लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए केंडल मार्च निकाला। लेकिन कारवां की ऐसी तस्वीर बनी कि जिसका अंदाजा नहीं था। कारवां बनता रहा और लोग शामिल होते रहे। कारवां ऐसी बनी कि राजनैतिक दलों के नेताओं के बीच की खाई भी मिटता नजर आया। सैकड़ों नहीं हजारों हाथो में मोमबत्तियां लिए लोग आगे बढ रहे थे।

श्रद्धांजलि और आक्रोश मार्च की शुरुआत मुख्यालय के एसबीजेएस हाईस्कूल मैदान से हुई। बैंक चौक आते आते कार्यक्रम में शामिल होने की संख्या सैकड़ो में पहुंच गई। मुख्य बाजार से पटेल चौक तक पहुंचते पहुंचते इसकी संख्या हजारों में पहुंच गई। घंटो सड़क पर वाहनों की रफ्तार थम गई। लोग पाकिस्तान प्रधानमंत्री और उसके संपोषित आंतकवाद के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं भारत सरकार से 42 जवानों के बदले 42 हजार खून की मांग की। लोगों ने कहा कि हमने बहुत सह लिया अब और नहीं सहेंगे। लोग इस लड़ाई में खुद को शामिल करने की मांग कर रहे थे।

इस कार्यक्रम में भाजयुमो प्रदेश कार्य समिति सदस्य अरबिंद सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष मंटू यादव, भाजपा नेता राजीव सिंह, सत्यनारायण पौद्दार, अजय मेहता, गोपाल मिश्र, टिपू मिश्रा, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष कमलेश्वरी मेहता, सुनील मंडल, हरदेव मेहता, बालकिशोर साह, जाप नेता नीतीश राणा, जितेंद्र यादव, के अलावा स्थानीय और इलाके के गणमान्य लोग शामिल हुए।


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