मधेपुरा/बिहार : बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित कला भवन के समक्ष कार्य से हटा देनी एवं अन्य मांगों को लेकर सदर प्रखंड, शंकरपुर एवं गम्हरिया प्रखंड के टोला सेवक ने धरना दिया।
धरना पर उपस्थित टोला सेवक संघ के जिलाध्यक्ष उमाशंकर कुमार रजक ने बताया कि जिले के 13 प्रखंड में एक ही पत्रांक के साथ एक मार्च 2011 को सभी टोला सेवक की बहाली हुई थी। जिसमें सदर प्रखंड, शंकरपुर एवं गम्हरिया प्रखंड की भी 206 टोला सेवकों की बहाली हुई थी। लेकिन 11 माह कार्य करने के बाद उन्हें उनके कार्य से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जब उन्होंने अधिकारियों से बात की तो उन्हें यह बताया गया कि उन्होंने प्रशिक्षण में भाग नहीं लिया था, इसलिए उन्हें कार्य से हटा दिया गया है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि उन लोगों को प्रशिक्षण की कोई सूचना नहीं दी गई थी फिर भी प्रशिक्षण के नाम पर उन्हें कार्य से हटाया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन 206 टोला सेवकों को कार्य से हटाने का कोई भी लिखित निर्देश नहीं दिया गया है। अधिकारियों के द्वारा सिर्फ मौखिक निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के द्वारा यह भी बताया गया कि अभी उन लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा आवंटन नहीं मिला है। जिस दिन आवंटन मिलेगा उस दिन से उनका कार्य पुनः चालू कर दिया जाएगा।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रखंड में वंचित वर्ग के बच्चों को तालीम दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले टोला सेवक और तालीमी मरकज के शिक्षा स्वयंसेवी के परिवार अब खाने को तरस रहे हैं। उनका काम बंद होने से घर में भूखे मरने की स्थिति आ गई है। शादी के लायक हो चुकी पुत्री की शादी कहां से हो पाएगी। वहीं सालों से पैसा नहीं मिलने के कारण सभी बच्चों की पढ़ाई भी बंद हो चुकी है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि अगर उन लोगोंं का प्रशिक्षण नहीं हुआ है तो 11 माह का वेतन उन्हें क्यों दिया गया। उन लोगों को 11 माह का टीएलएम एवं टीएलइ क्यों दिया गया।
मौके पर शंकरपुर प्रखंड अध्यक्ष राजेश सरदार, टोला सेवक उमाशंकर कुमार, सचेंद्र कुमार, फुलेश्वर ऋषिदेव, देव नारायण भारती, देवदत्त कुमार, पूनम देवी, शिवनंदन सादा सहित अन्य टोला सेवक मौजूद थे।