वैशाली/बिहार : हाजीपुर के महनार नगर के वार्ड संख्या 17 मुसहरटोली के गड्ढे में नगर परिषद द्वारा बड़े पैमाने पर लगभग बीस वर्षों से नाला का पानी बहाए जाने व उसके जमावड़ा से भूमि एवं भूमिगत जल के प्रदूषित होने तथा कई हरे वृक्ष के सुख जाने की सूचना पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तीन सदस्यीय टीम ने आज उक्त टोला में पहुंच कर जांच किया व स्थिति का जायजा लिया।
विदित हो कि पूरे नगर के नाला का पानी तीन भाग में गिराया जाता है। एक शहीद स्वतंत्रता सेनानी मदन झा के घर के निकट स्थित गड्ढे में, दूसरा संगत मठ स्थित पोखर में और तीसरा मुसहरटोली स्थित गड्ढे में। मुसहरटोली का गड्ढा आबादी के बीच मे है और यहां के भूमिगत जल काफी प्रदूषित हो चुका है एवं 2011 में इस का पानी पीने से डायरिया फैल गया था और इस कारण यहां दो महादलितों की मौत हो गयी थी। उस के बाद से इस जल बहाव को बन्द करने हेतु कई बार हंगामा हुआ और भूस्वामी न्यायालय गए, वहां से नगर परिषद को हर्जाना देने का आदेश हुआ, किन्तु स्थिति में सुधार नही हुआ।
बाद में स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए नगर परिषद ने एक बड़े कार्ययोजना बना कर नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा है तथा हाई ड्रेनेज के निर्माण हेतु राशि आवंटित करने का अनुरोध किया है। यह हाई ड्रेनेज बालिका उच्च विद्यालय से हो कर इशहाकपुर टेक हो कर नहर में गिरेगा।
ज्ञात हो कि मुसहरटोली की यह हालत है कि गर्मी के समय मे दुर्गंध से यहां खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है और वाटर सप्लाई का पम्प चलने पर यह गन्दा पानी फैल कर घरों में भी घुसने लगता है। इस के डर से लोग अपने घरों ऊंचा कर निर्माण करवा रहे हैं।
इस टोला के सम्बंध में इंजीनियरों ने 2011 में ही कहा था कि यहां की भूमिगत जल पूरी तरह प्रदूषित हो चुकी है और इस को पीना मानव जीवन के लिए हानिकारक है, एवं यहां बोरिंग करना भी उचित नही है, अतः यहां के निवासियों को अन्यत्र से जल ला कर प्रशासन उपलब्ध करावे। किन्तु दुख की बात है कि अभी तक यहां इन महादलित व अल्पसंख्यको को नल जल योजना का भी लाभ नही दिया गया है।