समस्तीपुर : आश्वासन के बाद बिहार आईटी सेवा संघ का सत्याग्रह आंदोलन समाप्त

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सत्याग्रह के दौरान 106 युवाओ ने किया रक्तदान, मंच से नशामुक्त बिहार और दहेज़मुक्त बिहार का नारा, सैकड़ो आईटी सहायको द्वारा दहेज़ न लेने की शपथ, दहेजप्रथा और बालविवाह बन्द करने के लिए मसाल जुलूस का आयोजन

अब्दुल कादिर
संवाददाता
ताजपुर, समस्तीपुर

ताजपुर/समस्तीपुर/बिहार : बिहार आईटी सेवा संध समस्तीपुर के जिला उपाध्यक्ष सह प्रखंड आईटी सहायक मुहम्मद अकबर ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार के आईटी इंजीनियर जो सभी जिला, अनुमण्डल, प्रखण्ड में बतौर आईटी सहायक के पद पर कार्यरत है, विगत 9 दिनों का सत्याग्रह आंदोलन में शामिल थे जो आज समाप्त कर दिया।

इस हड़ताल अवधि में सरकार को अपने मांग से अवगत कराने हेतु कई अनूठे और सामाजिक पहल करते हुए कार्यक्रम आयोजित किये गए, जिसमे मुख्य तौर पर रक्तदान कार्यक्रम था। कुल 106 आईटी सहायको के द्वारा रक्तदान कर सरकार को रक्तशोसन के विरुद्ध एक सन्देश दिया गया, परन्तु इतने युवाओ के रक्तदान को नजरअंदाज करते हुए सरकार द्वारा अनशन तोडवाने हेतु कोई सकरात्मक पहल नहीं की गई जो की सरकार के हठधर्मिता को दर्शाया। उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आईटी सहायको द्वारा नेत्रदान कार्यक्रम का आयोजन किये जाने का प्रयास किया गया।

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हड़ताल के मंच से शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा की कोई संघ नशा मुक्त बिहार, दहेज़ मुक्त बिहार, स्वच्छ बिहार के बारे में चर्चा करेगा परन्तु बिहार आईटी सेवा संघ के सदस्यों ने किया और साथ ही खुद दहेज़मुक्त शादी करने का वादा किया परन्तु, सरकार कब संविदा मुक्त बिहार की बात करेगी ये देखने वाली बात है। उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए नशामुक्त बिहार, दहेज़मुक्त बिहार एवम् बाल विवाह जैसे कुरीतियो को जड़ से मिटाने के लिए मसाल जुलुस का आयोजन किया गया तब जाकर सरकार की नींद टूटी और अधिकारिओ द्वारा वार्ता किया गया और उनके आश्वासन के बाद सत्याग्रह आंदोलन समाप्त हुआ ।
 संघ की प्रमुख मांगे
पदनाम परिवर्तित कर उप आईटी प्रबंधक या आईटी ऑफिसर कर आईटी इंजीनियर को सम्मान दिया जाय
वेतनमान नहीं होने तक 45 हजार मानदेय दिया जाय


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