मधेपुरा : अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए बीडीओ

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : शुक्रवार से बिहार ग्रामीण विकास सेवा के सिवा संवर्ग एवं वेतन विसंगति सुधार संबंधित कार्रवाई नहीं की जाने की परिस्थिति में बिहार ग्रामीण विकास सेवा संघ सह प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।

 हड़ताल को लेकर संघ ने 22 जनवरी 2019 को ही पत्र के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को अवगत करा दिया गया था। सचिव को दिए गए पत्र में संघ ने कहा कि सेवा संवर्ग एवं वेतन विसंगति सुधार संबंधित संघ प्रतिनिधियों से विभाग द्वारा 16 जनवरी 2018 को वार्ता हुई थी। वार्ता के दौरान सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई एवं संघ द्वारा प्रत्येक बिंदु पर अपना पक्ष रखा गया था। जिसके पश्चात विभाग द्वारा हमारी मांगों से सहमत होकर वेतन विसंगति दूर करने के संबंध में सात दिसंबर 2018 तक ठोस कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था।

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विभाग द्वारा आश्वासन मिलने के पश्चात 25 नवंबर 2018 को संघ की कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि आश्वासन का सम्मान करते हुए सभी ग्रामीण विकास पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनिश्चित सामूहिक अवकाश पर रहने की पूर्व निर्धारित तिथि 26 नवंबर 2018 को सात दिसंबर 2018 तक स्थगित कर दिया गया। लेकिन कोई ठोस पहल नहीं होने के बाद संघ ने कई बार इस ओर विभाग का ध्यान आकृष्ट करवाया।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे कई राज्यों के विकास सेवा संवर्ग के आधार पर प्रस्ताव दिए गए। इन सभी राज्य में ग्रामीण विकास पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी 54 सौ ग्रेड पे के साथ मूल संवर्ग का पद है, किंतु बिहार में इस पद को 42 सौ ग्रेड पे पर रखा गया है। जबकि ग्रामीण विकास पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड स्तर पर लगभग सभी विभाग के कार्य प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निष्पादित कर रहे हैं। किंतु अभी तक मूल संवर्ग को स्केल नौ प्रदान कर राज्यसेवा घोषित कराने की दिशा में विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग द्वारा किए जा रहे हमारी मांगों की अनदेखी से बिहार ग्रामीण विकास सेवा के सभी पदाधिकारियों में घोर निराशा एवं असंतोष व्याप्त है। अत्यधिक कार्य दबाव एवं मानसिक प्रताड़ना सह कर स्केल सात में काम करने में सभी ग्रामीण विकास पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी असहज एवं अपमानित महसूस कर रहे हैं।

अपनी मांगों से अवगत कराते हुए संघ ने कहा कि बिहार ग्रामीण विकास सेवा की मूल कोटि के पदको स्कीम नौ वेतनमान प्रदान कर बिहार ग्रामीण विकास सेवा को राज्य सेवा घोषित की जाए। उन्होंने कहा कि विभाग सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी एवं अन्याय के विरोध में बिहार ग्रामीण विकास सेवा संघ द्वारा निर्णय लिया गया कि यदि 31 जनवरी तक उन लोगों की मांगों की पूर्ति नहीं की जाती है तो ग्रामीण विकास पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी एक जनवरी से अपनी अधिकार के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश के लिए एकल अथवा संयुक्त रूप से कोई भी ग्रामीण विकास पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी जिम्मेदार नहीं होगा। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग एवं बिहार सरकार पूर्ण रूपेण जिम्मेवार होगा।

मालूम हो कि प्रखंड विकास पदाधिकारी के हड़ताल पर चले जाने से प्रखंड स्तर की सारी योजनाएं बंद हो जाएगी। लोगों को जन्म – मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो पाएगी, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता योजना सहित कई योजनाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल तक बंद रहेगी। क्योंकि लगभग इन सभी कार्यों के लिए राशि की निकासी वीडियो द्वारा ही की जाती है। ब्लू के हड़ताल पर चले जाने से दूरदराज एवं ग्रामीण इलाके से आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई ग्रामीण आवास योजना एवं जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र सहित कई कार्यो से प्रखंड कार्यालय आए हुए थे, लेकिन उन्हें वापस घर को लौटना पड़ा।


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