मधेपुरा : गणतंत्र दिवस नवाचार मंडल द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, कलाकारों द्वारा नाटक अंजली का सफल मंचन

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : नवाचार मंडल द्वारा गणतंत्र दिवस को लेकर सोमवार को सिंहेश्वर प्रखंड अंतर्गत आरए पब्लिक स्कूल सुखासन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गयाजिसका उद्घाटन स्वतंत्रता सेनानी राजकिशोर यादव, आलोक कुमार, राजेन्द्र यादव, विद्यालय के निदेशक नरेश यादव, प्राचार्य रामदेव पोद्दार ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया

 मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता सेनानी राजकिशोर यादव ने कहा कि नाटक का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन करना ही नहीं बल्कि ज्ञान वर्धन करना भी है इससे ना सिर्फ बच्चे शिक्षित होते हैं बल्कि उनके व्यक्तित्व का भी सकारात्मक विकास होता हैनाटक बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए जरुरी हैउन्होंने कहा की हमारा साहित्य काफी समृद्धि हैइन साहित्य के विषयों पर नाटक बनाकर लोगों का ज्ञान वर्धन किया जा सकता हैउन्होंने कहा की जब विद्यालयों में संगीत को सिलेबस में शामिल किया जा सकता है तो रंगमंच को क्यों नहींआज ऐसे संस्थान के अभाव में बिहार के बच्चे, मुंबई जैसे शहर में धक्के खाकर फिर वापस लौट रहे हैराज्य में ही थियेटर इंस्टिट्यूट खुलने से बच्चों को रोजगार भी मिलेगा

उन्होंने कहा की आज के अभिभावक बच्चों को रंग मंच से जोड़ना चाहते है, लेकिन थियेटर संस्थान के अभाव के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहें हैआज रंगमंच में भी कैरियर है, इसके माध्यम से कलाकार आर्थिक उपार्जन भी कर सकते हैमधेपुरा को साहित्यिक धरती बताते हुए उन्होंने कहा कि एक समृद्ध पुस्तकालय भी जिले में होना चाहिए, जहां रंगमंच के कलाकार साहित्य का अध्ययन जाकर कर सके

विद्यालय के निदेशक नरेश यादव कोसी-सीमांचल और मिथिला की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध रही हैयहाँ की लोक-संस्कृति, लोकोत्सव, लोकपर्व, लोकगीत, लोकनाट्य आदि के संरक्षण एवं संवर्धन की जरूरत हैउन्होंने कहा कि मधेपुरा में प्रतिभाओं का खजाना है खासकर संगीत एवं नाटक के क्षेत्र में इस क्षेत्र की उपलब्धियाँ काबिल-ए-तारीफ हैं यहाँ के कलाकारों के समर्पण एवं निष्ठा की जितनी भी तारीफ की जाए, वह कम होगी. प्राचार्य रामदेव पोद्दार ने कहा कि कोसी-सीमांचल एवं मिथिलांचल की धरती कला-संस्कृति की दृष्टि से काफी उर्वर हैलेकिन दुख की बात है कि हमारी प्रतिभाओं को समुचित अवसर नहीं मिल पा रहा है उन्होंने कहा कि कोसी की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच देने का प्रयास सराहनीय हैजिसके बाद नवाचार रंगमंडल के कलाकारों द्वारा नाटक अंजली का सफल मंचन किया गयासुमन जानियांं द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक अंजलि ने लोगों को दिखाया की हम स्वतंत्र होते हुए भी गुलाम हैकभी अंग्रेजो के गुलाम थे. अभी नेताओ के गुलाम हैंसाथ हीं उसने हमारे देश की डगमगाती शिक्षा व्यवस्था को दिखाया जो दिन व दिन बिकाऊ होता जा रहा

कलाकारों ने हास्य-व्यंग्य नाटक के माध्यम से बताया कि गरीबों की बस्ती से निकलकर जो भी व्यक्ति सत्ता के गलियारों में पहुंचा है, बाद में उसने एक बार भी उस बस्ती की तरफ नहीं देखानाटक में दिखाया गया कि राजनेता जिनके वोट से सत्ता तक पहुंचते हैं, बाद में उन्हें ही भूल जाते हैंकलाकारों ने ताजा तरीन राजनीतिक घटनाओं पर करारा कटाक्ष किया

अंजली के मुख्य भूमिका में सुमन व अंजली के साथ अमीषा, पूजा रोशन, अंकित, प्रियांशु, कुन्दन नें जीवंत अभिनय कियाउसके बाद नवाचार एवं स्कूल के बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक गीतों एवं नृत्यों की प्रस्तुति देकर मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया

 सुमन जानियां की कोरियोग्राफी में मेरा रंग दे बसंती चोला……., जिस देश में गंगा रहता है…. सहित कई गांव सुमन, अंकित, रोशन, प्रियांशु, अंजली, अमीषा ने मनमोहक प्रस्तुति दीवहीं सुमन और कार्तिक की जोड़ी के द्वारा दी प्रस्तुति को लोगो ने खूब सराहा

 मौके पर शिक्षक पंकज कुमार, नितेश निगम, ओमप्रकाश, ललटू, सुमित के साथ अन्य लोग मौजूद थे


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