मधेपुरा : भारतीय छात्र संसद में राठौर ने मनवाया अपनी कलम का लोहा

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 # वक्तृता और उद्घोषणा के साथ लेखनी में राठौर ने बनाई मजबूत पहचान

# राठौर के द्वारा कहे गए वाक्य की “सभी मुसलमानों को गद्दार नहीं कहा जा सकता क्योंकि वो पांच वक़्त के नवाज में इसी हिंदुस्तान की         मिट्टी को चूमता है।” को काफी सराहा गया

 # काव्य लेखन और आलेख लेखनी में भी अनेकों राष्ट्रीय सम्मान पाकर राठौर ने कोसी का मान बढ़ाया

      अपनी भूमिका के बेहतर निर्वहन के लिए राठौर को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया

 # नई भूमिका में मिले सम्मान से प्रसन्न राठौर ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और पिता सहित अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन को दिया

अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिले के सिंहेश्वर प्रखंड निवासी और छात्र संगठन ए अाई एस एफ के राज्य उपाध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने भारतीय छात्र संसद के तीन दिनों के आयोजन में विभिन्न विषयों पर आयोजित कार्यक्रम की रिपोर्ट तैयार करने में अहम भूमिका अदा की

ज्ञातव्य हो की भारतीय संसद की आयोजन समिति ने राठौर को इस आयोजन की रिपोर्ट तैयार करने वाली पन्द्रह सदस्यीय टीम का हिस्सा बनाया था। फेक न्यूज और सोशल मीडिया: एक जानलेवा हथियार, नोटबंदी और जी एस टी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के उपाय, एक देश एक चुनाव, जातिवाद और भ्रष्टाचार, न्यायव्यवस्था में धांधली जैसे गंभीर विषयों पर हुए मंथन में जहां राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के नामचीन हस्तियों ने बात रखी वहीं अलग – अलग सत्रों के कार्यक्रम में वोटिंग द्वारा प्रस्ताव पास कर युवाओं के और समाज की राय को निर्धारित किया गया ।

हर्ष वर्धन सिंह राठौर

वक्तृता और उद्घोषणा में राष्ट्रीय फलक पर अपने नाम कई सम्मान नाम करने वाले राठौर ने लेखनी के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाई । काव्य लेखन और आलेख लेखनी में भी अनेकों राष्ट्रीय सम्मान पाकर राठौर ने कोसी का मान बढ़ाया। इसी आधार पर इन्हें भारतीय छात्र संसद में बड़ी जिम्मेदारी दी गई।

रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम के हिस्सा रहे राठौर ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा की टीम के द्वारा तैयार रिपोर्ट को यूनेस्को सहित विभिन्न देशों के अलावा भारत सरकार के अलग अलग मंत्रालयों को भेजा जाएगा जो भावी फैसलों का आधार बनेगा। उन्होंने बताया की सोशल मीडिया के प्रभाव से ज्यादा दुष्प्रभाव उजागर हो रहें है और इसके सर्वाधिक शिकार युवा पीढ़ी हो रही है। समाज के वर्तमान दौर में अराजकता का माहौल है जिसका मूल कारण विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार है। जिसको दूर करने के लिए युवाओं को शिक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा की पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत।

वहीं राठौर के द्वारा कहे गए वाक्य की “सभी मुसलमानों को गद्दार नहीं कहा जा सकता क्योंकि वो पांच वक़्त के नवाज में इसी हिंदुस्तान की मिट्टी को चूमता है।” को काफी सराहा गया। अपनी भूमिका के बेहतर निर्वहन के लिए राठौर को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। राठौर ने कहा की समाज और दुनिया के हर क्षेत्रों के युवाओं को सुनना और अलग अलग क्षेत्रों के नामचीन हस्तियों के नजर से वर्तमान दौर को समझना बहुत ही सुखद अनुभव दे गया।

राठौर ने कहा की इस आयोजन से एक बात यह भी निकली की अगर सकारात्मक सोच से आगे बढ़े तो विनाश के जगह सृजन हो सकता है। इस आयोजन में मुख्य रूप से राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस,  सुविख्यात विचारक तुषार गांधी, पूर्व चुनाव आयुक्त टी एन सेषण सहित कई राज्यो के मुख्यमंत्री, विधानसभाध्यक्ष, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के अलावा विभिन्न विषयों के एक्सपर्ट की भागीदारी रही।

नई भूमिका में मिले सम्मान से प्रसन्न राठौर ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां प्रभावती देवी, पिता तेज प्रताप सिंह सहित अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन को दिया है।


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