छातापुर/सुपौल/बिहार : तहसील प्रशासन व पुलिस की चौकसी को ठेगा दिखाते हुए बालू के अवैध कारोबारी कारोबार को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं। सुबह से शाम तक नदी घाटों के नजदीक दौड़ लगा रही ट्रालियां इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि खनन माफियाओं को प्रशासन व पुलिस का तनिक भी भय नहीं है ।
वन एवं पर्यावरण के उद्देश्य से जहां सरकार के वन विभाग द्वारा छातापुर प्रखंड के सुरसर नदी के दोनों साइड हजारों की लागत से पौधे लागये जा रहे हैं, वहीं बालू माफिया के द्वारा बेख़ौफ़ होकर बिना रोकटोक के मिट्टी कटाई कर धराशाही कर रहे है । बावजूद इसके विभागीय स्तर पर अधिकारियों का कुम्भकर्णी निंद्रा टूटने का नाम नही ले रहा है । यहां बता दें कि प्रखंड के माधोपुर पंचायत स्थित महद्दीपुर बाजार से महज 500 मीटर पूरब सुरसर नदी के दोनों साइड ऊंची जगह पर सरकार द्वारा लगाए गए पौधे को भी नीचे से बालू निकाल लेने के कारण धराशाही हो रहा है ।
आलम यह है की इस नदी से रोजाना सैंकड़ों ट्रैक्टर भर बालू भरकर बेचा जा रहा है । महद्दीपुर के लोगों ने बताया कि पिछले एक महीने से कुछ बालू तस्कर अहले सुबह सैकड़ों ट्रैकटर लेकर यहां पहुंच जाते हैं । जिसके बाद सूरज ढलने तक यहां जमकर कर ट्रैक्टरों से बालू निकालकर बेचा जाता है ।
वहां मौजूद फॉरेस्ट गार्ड मो दाऊद, राजिंदर पासवान ने बताया कि हमलोग जब इन बालू माफियाओं को रोकते हैं तो ये सब मारपीट पर उतारू हो जाते हैं, जिसकी सूचना हमलोग फॉरेस्ट विभाग के वरीय अधिकारियों को कई बार दे चुके हैं । लेकिन कोई भी पदाधिकारी इस स्थल पर जांच के लिए नहीं आते हैं । जिससे इन बालू माफियाओं का मनोबल बढ़ता चला जा रहा है ।
हैरानी की बात है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन पर प्रशासन की नजर नही जाती है या फिर जानबूझकर वो अनजान बने रहते हैं।
इस बाबत वन अधिकारी केके झा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मुझे अबतक इन बातों की जानकारी नहीं है । जानकारी मिलते ही ऐसे दोषियों के विरुद्ध जांच कर कानूनी कार्यवाई की जाएगी ।