मधेपुरा : भीमराव अंबेडकर की पुण्य तिथि एवं बाबरी मस्जिद शहादत दिवस के अवसर पर वामदलों के द्वारा संविधान बचाओ धर्मनिरपेक्षता बचाओ मार्च

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : गुरुवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की पुण्य तिथि एवं बाबरी मस्जिद विध्वंस दिवस के अवसर पर समाहरणालय के मुख्य द्वार पर वामदलों के द्वारा संविधान बचाओ धर्मनिरपेक्षता बचाओ मार्च निकाला गया।
इस अवसर पर वामदलों के कार्यकर्ताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी एवं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का पुतला दहन करते हुए संप्रदायिकता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कार्यक्रम का नेतृत्व भाजपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर, जिला मंत्री विद्याधर मुखिया, भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास, वरीय नेता कौशल सिंह राठौर, माकपा के जिला मंत्री मनोरंजन सिंह, राज्य कमेटी सदस्य गणेश मानव आदि नेता संयुक्त रूप से कर रहे थे।

किसान सभा के राज्य सचिव रमन कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय के मुख्य द्वार पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारतीय संविधान एवं हमारी गंगा जमुनी तहजीब धर्मनिरपेक्षता का स्वरूप खतरे में है। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 का दिन हमारे देश में सदैव ही काला दिन के रूप में याद किया जाएगा। भाकपा नेता ने कहा देश में पुनः एक बार विवादित ढांचा पर अयोध्या में राम मंदिर बनाने के नाम पर दंगा भड़काने एवं देश को जलाने की तैयारी संघ परिवार द्वारा की जा रही है। उन्होंने भारत की अमन पसंद जनता, संविधान, धर्मनिरपेक्षता एवं न्यायपालिका पर विश्वास रखने वाले जनता को एकजुट होकर प्रतिक्रियावादी ताकत का मुखालफत करने का आह्वान किया।

भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पूर्व संघ रथ यात्रा निकालकर देशभर में संप्रदायिक जहर घोलने का काम करेगा। इसे धर्म और राम से कोई लेना देना नहीं है। यह राम के नाम पर वोट की राजनीति करता है। माकपा के जिला मंत्री मनोरंजन सिंह एवं राज्य कमेटी सदस्य गणेश मानव ने कहा कि भाजपा वाले देश को इंसान को और अब भगवान को भी जाति और धर्म के नाम पर बांट दिया है।
भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है। जिस कारण देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता एवं धर्मनिरपेक्षता खतरे में है।
कार्यक्रम में माकपा नेता वीरेंद्र ना सिंह, मो जहांगीर, युवा नेता संभू क्रांति, पवन कुमार, रमेश कुमार शर्मा, प्रशांत सिंह, किसान नेता उमाकांत सिंह, मजदूर नेता मोना देवी, माधो राम, सीताराम यादव, योगेंद्र राम, जय ना ऋषिदेव, बूटीश स्वर्णकार, ललन मंडल, कृत ना रजक, नवीन कुमार. भाकपा माले के नेता सीताराम रजक, साजदा खातून, अशोक दास, बेचन मंडल, दीप ना मंडल, राम कुमार ऋषिदेव, बुधिया देवी, अनंत देवी, माकपा नेता कृष्ण कुमार यादव, राजदीप कुमार, हरिश्चंद्र यादव, राजकिशोर सरदार, चंद्र किशोर यादव, श्याम सुंदर यादव, विद्यानंद शर्मा, सिंटू यादव, राम नरेश यादव, गजेंद्र यादव, विजय यादव एवं अन्य लोग शामिल थे।


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