मधेपुरा/बिहार : आगामी एक फरवरी को सिंहेश्वर प्रखंड के कतराहा में प्रस्तावित भूपेंद्र नारायण मंडल जयंती समारोह को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। भूपेंद्र नारायण मंडल विचार मंच के साथ संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जयंती समारोह के सहयोगी आयोजक शिव राजेश्वरी युवा सृजन क्लब कोसी प्रमंडल की कमिटी ने वृहद और यादगार आयोजन के संकल्प के साथ विभिन्न स्तरों पर तैयारी को गति दे दी है। जिसमें मुख्य रूप से क्लब द्वारा प्रकाशित होने वाली पत्रिका युवा सृजन के विशेषांक प्रकाशन को प्राथमिकता दी जा रही है।
युवा सृजन पत्रिका के प्रधान संपादक एवम् क्लब के महासचिव हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आगामी एक फरवरी को आयोजित भूपेंद्र नारायण मंडल जयंती समारोह के मौके पर क्लब द्वारा प्रकाशित युवा सृजन पत्रिका का भूपेंद्र विशेषांक प्रकाशित किया जाएगा जिसमें भूपेंद्र बाबू से जुड़े स्थानीय, प्रांतीय एवम राष्ट्रीय फलक के रचनाकारों से रचना आमंत्रण की प्रकिया शुरू कर दी गई है।पत्रिका में रचना के रूप में आलेख, संस्मरण, कविता आदि के लिए आग्रह पत्र भेजे जा रहे हैं। प्रधान संपादक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि पत्रिका की एक टीम भूपेंद्र बाबू से जुड़े स्थानीय यादों को भी संग्रहित करने में लग गई है इस संकलन में उनके परिवार से भी सहयोग का आग्रह किया गया है। उक्त समग्रियों को विभिन्न स्तरों पर मूल्यांकन के बाद प्रकाशित करने की योजना है।
भूपेंद्र बाबू के उपर वृहद संग्रह साबित होगा युवा सृजन का भूपेंद्र विशेषांक : राठौर ने कहा कि मधेपुरा की उपज और समाजवाद के जीवंत हस्ताक्षर भूपेंद्र बाबू के जीवन सफर को समर्पित यह भूपेंद्र विशेषांक विभिन्न स्तरों पर उनसे जुड़ी जानकारियों को वो संग्रह साबित होगा जो भविष्य में नई पीढ़ी को भूपेंद्र बाबू के जीवन सफर से जुड़ेगा ही बल्कि शोध के क्षेत्र में भी उपयोगी साबित होगा।
गणमान्य हस्तियों से शुभकामना संदेश हेतु भेजे जाएंगे आमंत्रण : युवा सृजन पत्रिका के प्रधान संपादक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि पत्रिका का यह विशेषांक हर स्तरों पर यादगार हो इसमें क्लब कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती।भूपेंद्र विशेषांक को यादगार बनाने के लिए बिहार के राज्यपाल,मुखमंत्री सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शुभकामना संदेश भेजने की भी तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।राठौर ने कहा कि यह जयंती समारोह भूपेंद्र बाबू के जीवन के संघर्ष और वैचारिक धरोहर से समाज को जोड़ने का बड़ा साधन बने यही आयोजन का मूल ध्येय है।