BNMU : दीक्षांत से पहले सिंडिकेट की बैठक नहीं बुलाना, पैसों के गोलमाल की साजिश – वाम छात्र संगठन

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मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू में इसी महीने प्रस्तावित पांचवे दीक्षांत समारोह के आयोजन की तैयारी तेज हो गई है लेकिन सिंडिकेट बुलाने की सुगबुगाहट दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। इस मामले  में वाम छात्र संगठन एआईएसएफ नेता हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कुलाधिपति सह राज्यपाल को पत्र लिख शिकायत  करते हुए इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है।

कुलाधिपति सह राज्यपाल को लिखे पत्र में वाम छात्र नेता हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने शिकायत करते हुए कहा है कि बीएनएमयू में  आयोजित होने जा रहे पांचवे दीक्षांत समारोह में नीति और नियम को दरकिनार कर बिना सिंडिकेट के अनुमोदन का मनमाने तरीके से खर्च किया जा रहा है जो इस क्षेत्र के गरीब व पिछले पायदान के लोगों की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग है। दीक्षांत जैसे छात्रों के बहुप्रतीक्षित पर्व के आयोजन खर्च का सिंडिकेट से अनुमोदन नहीं लेना उस शक को मजबूत करता है कि बड़े स्तर पर बीएनएमयू के कोष में तीन का तेरह किया जायेगा। क्योंकि सिंडिकेट के अनुमोदन के लिए यह अत्यावश्यक है कि खर्च के प्रारूप को सदन के सामने प्रस्तुत किया जाए। राठौर ने सवालिया लहजे में पूछा है कि आखिर क्या मजबूरी है कि बीएनएमयू सिंडिकेट के सामने खर्च का प्रारूप देने से कदम पीछे कर रहा है ।

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राज्यपाल को लिखे पत्र में राठौर ने पिछले दीक्षांत समारोह का हवाला देते हुए कहा है कि पिछले दीक्षांत में भी बीएनएमयू प्रशासन ने यही हरकत की थी तब सीनेट और सिंडिकेट सदस्यों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए बाद के बैठकों में बड़ा बवाल खड़ा किया था और आरोप लगाया था सिंडिकेट से बिना अनुमोदन का खर्च कर आठ सौ से दो हजार तक के खाने प्लेट ,प्लेट की संख्या उपयोग से ज्यादा दिखाकर व अन्य मद में मनमाने बिल बनाए गए हैं। जिसपर वर्तमान  कुलपति ने ही गलती स्वीकार करते हुए खर्च के पूरे विवरण को आगामी बैठक में रखने का वादा किया था जिसपर सदन ने साफ कर दिया था कि सदन को   किसी सरकारी स्तर से ऑडिट रिपोर्ट चाहिए। लेकिन आज आलम यह है कि पिछले दीक्षांत के खर्च का अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया और इस सिंडिकेट में भी वही गलती दोहराई जा रही है। पत्र में राठौर ने यह भी दर्शाया है कि विश्वविद्यालय एक्ट के अनुसार दीक्षांत जैसे आयोजन के लिए विशेष सिंडिकेट भी बुलाने का प्रावधान रहा है लेकिन यहां विगत  महीने से मासिक सिंडिकेट भी नहीं हो रही।

एआईएसएफ नेता राठौर ने कुलाधिपति सह राज्यपाल से करबद्ध निवेदन किया है कि हर हाल में बीएनएमयू को दीक्षांत से पहले सिंडिकेट के लिए कहा जाए अन्यथा पिछली बार की तरह इस बार भी दीक्षांत की आर में बीएनएमयू के कोष का खुलकर बंदरबांट किया जाएगा।वहीं राठौर ने कहा कि अगर दीक्षांत से पहले बीएनएमयू ने सिंडिकेट नहीं बुलाई तो इस संबंध में संगठन आंदोलन की तैयारी करेगा।


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