मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू के चौथे दीक्षांत समारोह में महामहिम कुलाधिपति सह राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान एक छात्र संगठन एबीवीपी द्वारा अपमानजनक शब्दों की बौछार लगाते हुए आयोजन स्थल पर विरोध पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ ने सख्त नाराजगी जाहीर की है।
संगठन के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा दीक्षांत मूलतः किसी भी शिक्षण संस्थान का सबसे बड़ा व पावन पर्व होता है, जिसमें गोल्ड मेडल डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों में काफी उत्सुकता होती है, लेकिन अफसोसनाक बात यह है कि एबीवीपी की इस हरकत से वैसे छात्रों के खुशनुमा माहौल को दूषित किया गया। लगातार मांग व आंदोलन के बाद पहली दफा छात्र संगठनों को सम्मान पूर्वक दीक्षांत समारोह में आमन्त्रित किया गया, लेकिन इस ओछी हरकत ने बीएनएमयू व कुलपति के छात्र संगठनों पर विश्वास की मानों हत्या कर दी , ऐसा लगा मानो किसी को विश्वास में ले उसके घर की चाभी लेकर चोरी कर ली गई।
छात्र नेता राठौर ने कहा अब बीएनएमयू क्या, कोई भी विश्वविद्यालय या कुलपति अपने गम्भीर व महत्वपूर्ण आयोजनों में छात्र संगठनों को आमन्त्रित कर ऐसी फजीहत नहीं उठाना चाहेगा। पूरे बिहार की लचर शिक्षा व्यवस्था का नारा देकर बीएनएमयू को दांव पर डाल दिया गया। छात्र नेता राठौर ने कुलपति से मांग किया कि यह मंथन का विषय है, आखिर यह सब कैसे हुआ और किसके इशारे पर बीएनएमयू की प्रतिष्ठा धूमिल करने की नापाक चाल चली गई, ऐसी हरकत कभी भी छात्रों के हित चाहने वाले छात्र संगठनों की नहीं हो सकती।
छात्रों को डिग्री योग्य बनाने वाले शिक्षकों को आमन्त्रित नहीं करने व चेहतों को आमंत्रण गलत परंपरा
वहीं एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी राठौर ने इस घटना के पीछे प्रशासनिक व्यवस्था में कमी की भी शंका व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अगर चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था रहती तो ऐसी हरकत की हिम्मत नहीं होती। दीक्षांत जैसे अति महत्वपूर्ण आयोजन में कार्ड व पास बंटवारे में किसी स्तर पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। पदाधिकारियों के चाटुकारों व पैरवी करने पर जमकर वैसे लोगों को भी कार्ड बांटा गया, जिनका विश्वविद्यालय से दूर-दूर तक कुछ नहीं लेना, वहीं दूसरी तरफ गोल्ड मेडल व डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों को वहां तक पहुंचाने वाले शिक्षकों को नहीं आमन्त्रित किया गया जो निम्न सोच का परिचायक है, कमसे कम पीजी के सभी शिक्षकों को सम्मानजनक आमंत्रण दिया जाना था।