बाल मुंडवाकर बीएनएमयू के भ्रष्ट पदाधिकारियों का विरोध  

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मधेपुरा/बिहार : वाम छात्र संगठन एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई और एआईवाईएफ मधेपुरा द्वारा शनिवार को बीएनएमयू में क्रमबद्ध आंदोलन के अन्तर्गत अर्थी जुलूस के बाद विश्वविद्यालय मुख्यालय ने अवस्थित भूपेंद्र बाबू के स्मारक स्थल के सामने  बाल मुंडवाकर विश्वविद्यालय के भ्रष्ट पदाधिकारियों की मनमानी व धांधली का विरोध करते हुए संगठन के सदस्यों ने दोषी व भ्रष्ट पदाधिकारियों को कोसते हुए कहा कि कुछ पदाधिकारियों के कारण बीएनएमयू की छवि धूमिल हो रही है।

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इस मौके पर एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि वाम छात्र युवा संगठन लोकतांत्रिक तरीके से क्रमबद्ध आंदोलन कर विश्वविद्यालय को जगाने का काम कर रहा है लेकिन अपनी आदत से लाचार पदाधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती है। बीएड प्रकरण पर बनी जांच कमिटी पूरी तरह से मजाक बन कर रह गई है, एक आंदोलन के बाद एक कदम जाकर अगले कदम के लिए फिर आंदोलन का इंतजार करने लगती है। दस दिन में रिपोर्ट देने के बजाय छ माह बाद भी जांच तक पूरा नहीं करना दोषियों के साथ जांच टीम के मिलीभगत का संदेह भी पैदा करता है। ऐसे पदाधिकारियों को पीड़ित छात्रों की आह लगेगी।

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वहीं एआईवाईएफ राष्ट्रीय परिषद् सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारी गूंगे, बहरे और अंधे हो गए हैं, जिन्हें छात्र हित पर न बोला जाता है न कुछ दिखाई और सुनाई देता है । गर्ल्स हॉस्टल शुरू करने का भाषण आज तक जमीन पर नहीं आ पाया, जबकि हॉस्टल में रहने की उम्मीद पाले कई सत्रों की छात्राएं हॉस्टल शुरू होने की राह देखते पास आउट तक भी हो गई । मुख्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में एक भी कर्मचारी नहीं है, वहीं शिक्षकों की भी घोर कमी है, जिसे वर्षों बाद भी पूरा नहीं किया जा रहा, जबकि फीस पूरी ली जा रही है।

छात्र नेत्री मौसम प्रिया ने कहा कि सरकार द्वारा गर्ल्स, एससी, एसटी के फ्री एजुकेशन का आदेश बीएनएमयू में पूरी तरह लागू नहीं है, आज भी उक्त वर्ग के छात्रों से फीस लिया जा रहा है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे। एआईएसएफ के राज्य परिषद् सदस्य सौरव कुमार ने कहा कि वाम छात्र व युवा संगठन का यह आंदोलन धीरे धीरे विश्वविद्यालय की उदासीनता के कारण लंबा होता जा रहा है, अगर हालात ऐसे ही रहें तो यह आंदोलन धरना व अनशन की ओर रुख करेगा, जिसकी पूरी जवाबदेही विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। छात्र संगठन की मांग पर कुलपति द्वारा त्वरित संज्ञान होता है लेकिन  बाद के पदाधिकारी ईमानदार पहल नहीं कर विश्वविद्यालय व कुलपति की प्रतिष्ठा को दांव पर लगा रहे हैं।

इस अवसर पर उपस्थित धुव्र कुमार, विकास, अभिषेक यादव, एआईवाईएफ जिला उपाध्यक्ष पवन कुमार सुमन, नीतीश, सोनू बाबू, आशुतोष, विवेक ठाकुर, सोनू यादव आदि ने कहा विश्वविद्यालय की हठधर्मिता चरम पर है अब भी अगर विश्वविद्यालय नहीं चेती तो आंदोलन अब धरना और आमरण अनशन की ओर बढ़ेगा।

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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