समस्तीपुर/बिहार (प्रेस विज्ञप्ति) : सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने मोबलिंचिंग के विरुद्ध राज्यव्यापी विरोध मार्च तथा विरोध प्रदर्शन करके सरकार तथा सरकारी तंत्र से नाराजगी जाहिर किया। इस अवसर पर ताजपुर हॉस्पिटल चौक से प्रखंड तक विरोध मार्च का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बिहार प्रदेश कमिटी के सदस्य रियाज अहमद ने कहा कि यह देश जो कभी सूफी संतों महात्माओं का हुआ करता था, आज वह नहीं रहा। महात्मा गांधी ने कहा था की “हिंदू मुस्लिम एकता हर पल हर समय हर परिस्थिति में कायम रहने वाला हमारा आचार धर्म होना चाहिए”। लेकिन उनके विचारों की हत्या करने वाले लोग संगठित हो रहे हैं और यही लोग मॉबलिंचिंग करने वाले हैं। इस तरह की घटनाएं पूरे देश में मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच हो रही है। जिससे देश में भयपूर्ण वातावरण का निर्माण होता जारहा है। अभी से भी अगर इनपर अंकुश नहीं लगाया गया तो परिणाम और बुरे होंगे। समाज के बीच ऐसे लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है। नही तो कब किसकी मोबलिंचिग हो जायेगी कुछ कहना मुश्किल है।
उन्होंने आगे कहा की पिछले कुछ दिनों से बिहार में मुसलमानों के खिलाफ मॉब लिंचिंग और दंगे की घटना हो रहे हैं और पूरा मुस्लिम समाज डर के वातावरण में जीने को मजबूर हो रहा है, खासकर पिछले कुछ दिनों से समस्तीपुर के आधारपुर में एक महिला के घर में घुसकर सैकड़ों दंगाइयों के द्वारा मॉब लिंचिंग कर देना और अररिया के जोकीहाट में मोहम्मद इस्माईल नामी व्यक्ति का मॉबलिंचिंग अफसोसजनक है । बांका के एक मदरसे में बम विस्फोट और पूर्णिया में एक स्थानीय घटना पर दंगा कराने की पूरी प्रयास एक विशेष समूह द्वारा किया जा रहा था। इन सभी घटनाओं से पता चलता है कि राज्य को सुनियोजित ढंग से नफरत की किसी भयानक आग में झुलसाने की कोशिश है।
मिथलांचल लीगल इंचार्ज एडवोकेट मो मुर्शीद आलम ने कहा कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटनाएं लगातार देश में बढ़ती जा रही है। 2015 के बाद से अगर हम देखें तो हम यह पाएंगे की लगातार देश में भीड़ तंत्र द्वारा किसी एक निर्दोष पर कोई मनगढ़ंत इल्जाम लगाकर मौत के घाट उतार दिया जाता है। हाल ही में घटित आधारपुर कांड संख्या 282/21 मुफस्सिल थाना समस्तीपुर में अबतक किसी की गिरफ्तारी का नहीं होना प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। एक संकुचित विचारधारा वाले उदंडो की भीड़ ने एक महिला को नग्न कर बुरी तरह तरपाकर दिन के उजाले में मौत के घाट उतार दिया तथा उसको बचाने गए उसके भतीजे को भी जान से मार दिया। परिवार के और लोगों को बुरी तरह जख्मी करके बेहोश होने तक मारा। ऐसे वातावरण में बुद्धिजीवियों की चुप्पी, प्रशासन की उदासीनता सरकार की विफलता को दर्शाता है। इसकी कम से कम न्यायिक जांच हो और दोषीयों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
समस्तीपुर जिला महासचिव शमश तबरेज ने कहा कि बिहार सशस्त्र बल अधिनियम का आना और पिछले कुछ दिनों में बिहार सरकार के फैसले और बन रहे हालात संकेत देते हैं कि बिहार में दलित मुस्लिम और पिछड़ा विरोधी ब्राह्मणवादी योगी मॉडल लागू करने की साजिश रची जा रही है. लेकिन बिहार की जनता इसे सफल नहीं होने देगी।