ऑक्सीजन की कमी की वजह से 45 वर्षीय एक अधेड़ व्यक्ति की मौत  

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छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर मुख्यालय पंचायत वार्ड संख्या 13 निवासी मीट कारोबारी 45 वर्षीय एक अधेड़ व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो जाने के कारण पीएचसी में जमकर परिजनों ने हंगामा किया ।

 बताया जाता है कि 45 वर्षीय मो हारून पूर्व से ही मिर्गी रोग से ग्रसित था, सोमवार को अहले सुबह अचानक इनका सांस फूलने लगा और तबियत बिगड़ती गई, जिसे परिजनों ने आननफानन में एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराने पहुंचा, जहां डॉक्टर ने बताया कि मरीज को ऑक्सीजन का जरूरी है, जो मेरे यहाँ उपलब्ध नहीं है, पीएचसी जाने की सलाह देकर उन्होंने अपना पल्ला झाड़कर तत्काल उन्हें पीएचसी भेज दिया । जिसके बाद परिजनों ने पीएचसी के ओपीडी चल रहे रेफरल अस्पताल में लाया, जहां डियूटी चाट के अनुसार पीएचसी प्रभारी डॉ नवीन कुमार का डियूटी थे, लेकिन वे डियूटी पर मौजूद नहीं थे। वहीं डियूटी पर तैनात फोर्थग्रेड कर्मी ने मरीज की स्थिति को देखते हुए रेफरल परिसर में रह रहे डॉक्टर देवेंद्र कुमार से बिना किसी जांच के ही पुर्जा लिखवाकर पुर्जा अनुसार ऑटो पर ही सुई दिया । सुई देने के बाद स्थिति ज्यादा खराब होने लगी तो परिजनों द्वारा बार बार डॉक्टर को बुलाने और ऑक्सीजन लगाने का अनुरोध किया जाता रहा, लेकिन कोई डॉक्टर मरीज को देखने नहीं पहुंचा और उसी बीच काफी देर होने के कारण मरीज ने ऑटो पर ही दम तोड़ दिया ।

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मरीज की मौत होने के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रेफरल में ही हंगामा शुरू कर दिया।  घटना की सूचना मिलते ही स्थल पर थानाध्यक्ष अभिषेक अंजन सहित आरडीओ अजित कुमार सिंह एवं कई थाने की पुलिस सहित, विधायक प्रतिनिधि केशव कुमार गुड्डू, स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि संजीव कुमार भगत, समाजसेवी मकसूद मसन, गौरीशंकर भगत, फेकनारायन मंडल, भाकपा नेता रघुनंदन पासवान, मो मेहुद्दीन आदि लोगों ने पहुंचकर मृतक के परिजनों को समझा बुझाकर मामला शांत करवाया। तबतक  त्रिवेणीगंज पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार भी घटना स्थल पर पहुंचे । लेकिन मृतक के परिजनों का कहना था कि डियूटी पर तैनात डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लापरवाही के कारण हुई मौत के लिए जिम्मेवार कौन है, उसको सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए । वहीं परिजनों द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर गया ।

बहरहाल मृतक की पत्नी समीना खातुन को परिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार एवं कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार की राशि प्रदान की गई। इस बाबत थानाध्यक्ष अभिषेक अंजन से पूछने पर उन्होंने बताया कि परिजनों द्वारा किसी भी प्रकार का कोई आवेदन नहीं दिया गया और शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर गया। पीएचसी प्रभारी नवीन कुमार ने बताया कि परिजनों द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है। ऑक्सीजन लगाने की तैयारी की जा रही थी इसी बीच मरीज की मृत्यु हो गई।

रियाज खान
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल

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