मधेपुरा/बिहार : सदर प्रखंड के भर्राही ओपी अंतर्गत भदौल वार्ड नंबर पांच निवासी सत्यनारायण यादव हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर परिजनों के द्वारा जिला मुख्यालय स्थित कला भवन परिसर में पिछले 21 जनवरी से चल रहे आमरण अनशन शुक्रवार को जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा एवं पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार के आश्वासन समाप्त किया गया.
शुक्रवार को एक फरवरी से आयोजित होने वाले इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा एवं पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार के द्वारा कला भवन में परीक्षा से संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें डीएम एवं एसपी उपस्थित हुए. जैसे ही डीएम एवं एसपी बैठक के लिए कला भवन में प्रवेश किया कि इधर सत्यनारायण यादव के परिजन डीएम के वाहन के आगे सो गए और न्याय की मांग करने लगे. जब तक परीक्षा की बैठक चलती रही, वे लोग डीएम के वाहन के आगे सोये रहे.
बैठक समाप्त होने के बाद जब सभी अधिकारी निकले तो परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर अधिकारियों के पास गुहार लगाई. लगभग आधे घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. अनशनकारियों के द्वारा जिलाधिकारी के गाड़ी के सामने ही अनशन शुरू कर दिया. अनशनकारियों को गाड़ी के सामने देख सुरक्षा जवानों में हलचल मच गई. मौके पर मौजूद सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह के द्वारा अनशनकारियों को हटाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन परिजनों ने हटने से साफ इनकार कर दिया. मौके पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार के द्वारा भी परिजनों को समझाने बुझाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन परिजन डीएम से मिलने की गुहार लगाते रहे. जिसके बाद सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमारएवं अन्य अधिकारियों ने सत्यनारायण यादव के परिजनों को समाहरणालय में जाकर जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से मिलने को कहा गया. जहां पर डीएम एवं एसपी ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया.
बहरहाल डीएम एवं एसपी के द्वारा कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद सत्यनारायण यादव के परिजनों ने आमरण अनशन को समाप्त कर दिया. जिसके बाद परिजन अपने घर लौट गये.
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क्या है मामला : मालूम हो कि 21 जनवरी से सदर प्रखंड के भर्राही ओपी अंतर्गत भदौल वार्ड नंबर पांच निवासी सत्यनारायण हत्याकांड में आरोपियों के नाम छांटे जाने से आहत परिजनों के द्वारा अनशन किया जा रहा था. बीते वर्ष 2020 में तीन जुलाई को भदौल वार्ड नंबर पांच में सड़क बनाने को लेकर हुए विवाद में सतनारायण यादव की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. जिस मामले को लेकर पीड़ित परिजनों के द्वारा 17 व्यक्तियों को नामजद किया गया था. जिनमें पुलिस पर्यवेक्षक के द्वारा 11 व्यक्तियों का नाम छांट दिया गया था. जिसको लेकर परिजनों के द्वारा पहले भी अनशन किया जा चुका है. परिजनों का आरोप है कि तत्कालीन एसडीपीओ के द्वारा किये गये पर्वेक्षण में आरोपियों के नाम छांट दिये गये थे. इसी मामले को लेकर 21 जनवरी से कला भवन परिसर में परिजन अनशन कर रहे थे.