मधेपुरा : लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ के तहत भाकपा का प्रदर्शन, कहा : लोकतंत्र की हत्या नहीं सहेंगे

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कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रशांत भूषण के विरुद्ध दिए गए फैसले एवं डॉ कफील के विरुद्ध मुकदमा वापस लेने के मांगों को लेकर बुधवार को उदाकिशुनगंज अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार पर लॉकडाउन का पालन करते हुए भाकपा कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ के तहत प्रदर्शन किया। इस दौरान भाकपा कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के योगी सरकार शर्म करो, डॉ कफील पर से षड्यंत्रकारी मुकदमा वापस लो, न्यायपालिका बचाओ लोकतंत्र बचाओ, लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ, प्रशांत भूषण संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं, आदि नारे जमकर लगाए।

उपस्थित जनसमूह एवं प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है। न्यायपालिका भी मनु वादियों के कब्जे में है। इसे अगर नहीं रोका गया तो देश में पूरी तरह फासीवादी व्यवस्था कायम हो जाएगी। भाकपा नेता ने कहा कि प्रशांत भूषण को सच बोलने की सजा दी गई है। कैसी अवमानना? किसका अवमानना? न्याय की मंदिर की दीवारें दरक चुकी है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के चार चार न्यायाधीशों द्वारा जनवरी 2018 में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहता है कि लोकतंत्र खतरे में है। तब उनमें से एक पर छेड़खानी का आरोप लगाया जाता है और फिर मन मुताबिक फैसले सुनाने पर उस जज को राज्यसभा का सांसद बनाया जाता है। अगर कोई न्यायपालिका पर उंगली उठाता है तो कोर्ट का अवमानना का मामला बन जाता है। प्रशांत भूषण जैसे वकील को जुर्माना किया जाता है। तीन महीना का जेल एवं तीन साल तक वकालत पर रोक लगाने का फैसला सुनाया जाता है। यह लोकतंत्र की हत्या है।

भाकपा नेता प्रभाकर ने कहा गोरखपुर में सैकड़ों बच्चों की जान बचाने वाला डॉ कफील को सम्मानित करने के बदले रासुका लगाकर जेल के अंदर बंद किया जाता है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार डॉक्टर कफील से गलती माने और झूठा मुकदमा वापस ले। वही भाकपा नेता प्रभाकर ने सभी लोकतंत्र विपक्षी दलों से एवं संगठनों से संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। मौके पर भाकपा जिला जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि भाजपा की सरकार षड्यंत्रकारी एवं तानाशाही सरकार है। यह अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाकर लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है। भाकपा नेता ने कहा कि डॉ कफील पर से झूठा मुकदमा वापस ले योगी सरकार अन्यथा संघर्ष तेज होंगे। वही भाकपा अंचल मंत्री उमाकांत सिंह, सहायक अंचल मंत्री मोती सिंह वरीय नेता चांद, परवेज आलम एवं सचिदा शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र हमारी आत्मा है। परंतु फासीवादी भाजपा सरकार इसे खत्म करने को आतुर है।

 मौके पर भाकपा नेता मनोज राम, सुरेश चौधरी, सोनेलाल पासवान, देवो चौधरी,  फुरकान, शब्बीर, जीतन, विद्यानंद पंडित, जंग बहादुर पासवान, मुलहाइ, शहाबुद्दीन, हितेश सिंह, विकास कुमार, हलदर शर्मा, रामलाल शर्मा, रणधीर शर्मा, महिला नेत्री अरुणा देवी, विमला देवी, बीवी मूवीरा सहित भाकपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल थे।


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