मधेपुरा/बिहार : चौसा प्रखंड के संपूर्ण क्षेत्र को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने एवं सभी बाढ़ पीडितों को राहत राशि देने की मांगों को लेकर मंगलवार को चौसा प्रखंड के बाढ़ पीडितों भाकपा के बैनर तले प्रखंड कार्यालय में रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व भाकपा के अंचल मंत्री बाबूलाल मंडल ने की।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुये भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि एक महीना बीत जाने के बाद भी यहां सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि नहीं मिला है। यह सरकारी एवं जिले के प्रशासनिक संवेदनहीनता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रखंड के फुलौत में कटाव से विस्थापित परिवार को बचाने के नाम पर करोड़ों रुपये की लूट हो चुकी है, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात साबित हुआ है। आज भी विस्थापित परिवार जानवर की जिंदगी जीने को विवश है। भाकपा नेता ने कहा कि लोग को करोना एवं बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त है, फसल बर्बाद हो चुकी है. गरीबों को खाना नहीं, पशुओं को चारा नहीं, चारों ओर हाहाकार है। सरकार व प्रशासन चुनावी तैयारी में जुटी है, जनता भगवान भरोसे जीने को विवश है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि एवं फसल क्षति मुआवजा नहीं दी गई तो भाकपा उग्र संघर्ष के लिये बाध्य होगी।
भाकपा के जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि इस आपदा में पंचायत, प्रखंड व जिला बाढ़ अनुश्रवण समिति की बैठक नहीं बुलाई गई है, अब तक बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाने का नौटंकी किया जा रहा है। दूसरी ओर बाढ़ पीडित भूखे रहने को मजबूर है, सरकार को शर्म नहीं आती है। इस हालात को भाकपा सहन नहीं करेगी, हम अपने आंदोलन को तेज करेंगे। किसान सभा के जिलाध्यक्ष सह पूर्व मुखिया रामदेव सिंह ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की अनदेखी हम नहीं सहेंगे। सरकार राहत एवं बचाव सुनिश्चित करें, अन्यथा गंभीर परिणाम होंगे। भाकपा के अंचल मंत्री बाबूलाल मंडल एवं पूर्व मंत्री अंबिका मंडल ने कहा की संपूर्ण चौसा प्रखंड को बाढ क्षेत्र घोषित किया जाय तथा सभी बाढ़ प्रभावित गांव में यातायात एवं चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। यहां इंसान एवं जानवर के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है, लेकिन सुधि लेने वाला कोई नहीं है। इस परिस्थिति में बाढ़ पीड़ितों का धैर्य टूट रहा है। भाकपा के वरीय नेता गणेश सिंह एवं अमरिंदर सिंह ने कहा कि सरकार पूरी तरह विफल है, इसका जाना तय है।
प्रदर्शन में भाकपा के नेता चंद्रशेखर पौदार, केदार मंडल, किशोर पधार, छतरी राम, सच्चिदानंद साह, भुवनेश्वरी शर्मा, विजेंद्र मंडल, अशोक यादव, शुवनशा पासवान, रामानंद मेहता, रामदयाल सिंह, झोटी मंडल, हकीम, शहजाद, भूपेंद्र शर्मा, संजय कुमार, उपेंद्र राम, जगदीश मंडल, उपेंद्र भगत, राजेंद्र शर्मा समेत अन्य भाकपा नेता एवं बाढ़ पीड़ित प्रदर्शन में शामिल थे। अंत में प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर नौ सूत्री मांगों का स्मार पत्र सौंपा और कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम पुनः अपने आंदोलन को तेज करेंगे।