नालंदा : दूसरे दिन लॉक डाउन का मिलाजुला असर, जिले में कोरोना के 78 के नए संक्रमित मरीज

Sark International School
Spread the news

मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

नालंदा/बिहार : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में 11 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक, 5 दिन का लॉकडाउन किया है। रविवार को जिले का लॉक डाउन का दूसरा दिन था जिसका शहरी क्षेत्र से लेकर देहाती क्षेत्र तक मिलाजुला असर देखने को मिला। लॉक डॉन के बावजूद लोग आम दिनों की तरह सड़कों पर घूमते हुए नजर आए। जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति बहुत ही भयानक हो चुकी है, जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा आमजन और राजनीतिक नेताओं की मांग पर पाँच दिन का लॉक डाउन करने का निर्णय लिया गया, लेकिन लॉकडाउन का पालन सही रूप में नहीं किया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन के गाइडलाइन के मुताबिक सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक सभी जरूरी खाद्यान्न, किराना दुकान, सब्जी, दूध और दवाइयों की दुकान खुले रहेंगी। लेकिन आम लोग सुबह से ही सड़कों पर निकल जाते हैं और देर शाम 7:00 बजे तक मटरगश्ती करते रहते हैं।  

इस तरह लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर कई लोगों पर जुर्माना लगाया भी गया है। जिले में लॉकडाउन में भी मास्क का प्रयोग नहीं करने पर जिला प्रशासन के द्वारा ₹50 का जुर्माना कर दो मास्क दिया जा रहा है। रविवार को दर्जनों टोटो रिक्शा को ऊपर यात्री ढोने को लेकर जुर्माना वसूला गया। शहर के कई हिस्सों में लॉकडाउन के समय में भी चाय और नाश्ते की दुकान खुली रही।  सब्जी और दवा की दुकानों पर भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं के बराबर किया जा रहा है। इस तरह जिले में लॉक डाउन का मिलाजुला असर रहा।

रविवार का दिन जिले में कोरोना का भयानक विस्फोट देखने को मिला जो 78 नए संक्रमित मरीज पाए गए। इस तरह जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ता ही जा रहा है और यह संख्या अब 529 हो गई है। जिले में रविवार तक टोटल सैंपल 13387 लोगों का लिया गया था जिसमें 12987 रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। इन रिपोर्टों में टोटल जिले में 529 करोना के संक्रमित मरीज पाए गए हैं, लेकिन 363 कोरोना के संक्रमित मरीज सेहत लाभ पाकर अपने घरों को वापस लौट चुके हैं, जबकि अभी भी 162 संक्रमित लोगों का इलाज चल रहा है वहीं आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।

 इस तरह जिले में करोना संक्रमित व्यक्ति का लगातार ग्राफ बढ़ता जा रहा है लेकिन जनता के द्वारा मास्क पहनने और शरीर दूरी पर पूरी तरह पालन नहीं किया जा रहा है स्थिति यही रही तो आने वाले दिनों में नालंदा भी एक बहुत बड़ा ग्रसित जिला के रूप में देखा जाएगा। इसका एक ही इलाज है अपने घरों में रहे, बगैर आवश्यकता के घरों से बाहर ना निकले, अपने घरों में कैद रहकर ही हम कोरोना को हरा सकते हैं और कोरोना  से जंग जीत सकते हैं, सुरक्षा ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।


Spread the news
Sark International School