मधेपुरा/बिहार : सदर अस्पताल में बिचौलिया पूरी तरह हावी हो चुके हैं, जिसका खामियाजा सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक समेत कर्मियों एवं इलाज कराने पहुंचे मरीजों एवं उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। बिचौलियों के द्वारा होने वाली परेशानियों को लेकर सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा कई बार जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को शिकायतें हैं की गई लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं किया गया। सदर अस्पताल में बिचौलिया इस तरह हावी हो चुके हैं कि डॉक्टरों के सामने से मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी क्लीनिक में ले जाते हैं और सामने खड़े चिकित्सक कुछ नहीं कर पाते हैं। कारण यह है कि अगर चिकित्सक कुछ बोलते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है एवं जान से मार देने की धमकी भी दी जाती है। डर एवं दहशत के कारण चिकित्सक मरीजों का ढंग से इलाज तक नहीं कर पाते हैं। सदर अस्पताल में बिचौलियों पर नकेल ना कसना एक बड़ी घटना को आमंत्रित कर रहा है। इसके बावजूद अब तक जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रहा है।
बिचौलियों द्वारा अस्पताल में किया गया जहरीली गैस का छिड़काव : सोमवार की देर रात्रि भी जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सुस्त रवैया के कारण एक बड़ी घटना हो सकती थी। सोमवार की देर रात्रि लगभग 10 बजे कुछ बिचौलिए इलाज कराने के नाम पर सदर अस्पताल पहुंचे। इलाज करा कर वापस जाने के क्रम में उन लोगों के द्वारा जहरीली गैस का छिड़काव किया गया, जिसके कारण वहां उपस्थित कर्मी, मरीज एवं उनके परिजन मूर्छित होकर गिरने लगे, जिसकी सूचना वहां उपस्थित कर्मियों ने चिकित्सकों एवं पुलिस प्रशासन को दी, जिसके बाद चिकित्सकों ने जहरीली गैस से पीड़ित सभी लोगों का इलाज किया। जहरीली गैस की सूचना अस्पताल परिसर में फैलते ही परिसर में दहशत का माहौल हो गया। कई परिजन अपने मरीजों को गोद में उठाकर अस्पताल से बाहर भागने लगे तो कई इलाज अवस्था में इमरजेंसी वार्ड से निकलकर बाहर परिसर के सड़कों पर सो गये। वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि सदर अस्पताल के चिकित्सक तुरंत जहरीली गैस से पीड़ित लोगों का इलाज नहीं करते तो हो सकता था कि किसी की मौत भी हो जाती।
छह लोगों के नामजद समेत अन्य तीन चार अज्ञात लोगों के खिलाफ दिया गया आवेदन : घटना की सूचना अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर अस्पताल पहुंचकर घटना का जायजा लिया। साथ ही मौके पर युवकों को गिरफ्तार भी किया गया। सदर एसडीएम एवं सदर एसडीपीओ द्वारा सदर अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच की गई। मौके पर सदर एसडीएम वृंदा लाल ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचकर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही मामले की जांच की जा रही है, जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
मौके पर उपस्थित चिकित्सकों ने बताया कि सोमवार की शाम लगभग 9:45 बजे दो मामूली रूप से जख्मी नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर आठ निवासी बिजेंद्र यादव के 26 वर्षीय पुत्र भवेश कुमार एवं वार्ड नंबर चार निवासी मनी हुसैन के 32 वर्षीय पुत्र सद्दाम हुसैन अपने अन्य साथी वार्ड नंबर 20 निवासी देवेन महतो के पुत्र दीपक कुमार, गोसाईं टोला वार्ड नंबर चार निवासी ईशामुउद्दीन के पुत्र सादिर, सदर प्रखंड क्षेत्र की मानिकपुर वार्ड नंबर एक निवासी गजेंद्र यादव के पुत्र मन्नू कुमार, जयप्रकाश नगर निवासी गोल्डन समेत अन्य तीन-चार अज्ञात व्यक्तियों के साथ सदर अस्पताल के आकस्मिक विभाग में पहुंचे।
सदर अस्पताल परिसर में मची अफरा-तफरी का माहौल : इलाज के लिए पहुंचे भवेश कुमार एवं सद्दाम हुसैन को चिकित्सकों द्वारा ड्रेसिंग की सलाह दी गई, ड्रेसिंग समाप्ति के बाद इन लोगों के द्वारा ड्रेसिंग कक्ष से बाहर निकलने के समय लगभग 10 बजे जहरीले रसायन का छिड़काव किया गया, जिसके बाद ड्रेसिंग कक्ष में कार्यरत कर्मी एवं अन्य मरीज को छींक के साथ खांसी, सांस की तकलीफ एवं आंखों में जलन होने के साथ-साथ दम घुटने लगे। वहां मौजूद सभी कार्यरत कर्मी एवं भर्ती मरीजों के बीच अफरातफरी का माहौल बन गया, जिसके कारण चिकित्सक करने एवं मरीजों के बीच भय का माहौल बन गया, सभी डरे-डरे एवं सहमे हुये हैं। जहरीले रसायन के छिड़काव से सभी मरीजों एवं उनके परिजनों, कार्यरत कर्मियों, पदाधिकारियों एवं अन्य व्यक्तियों की जान भी जा सकती थी तथा अपना तफरी मच ने के कारण सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होगी।
इस बाबत मंगलवार को सदर अस्पताल में कार्यरत सुरक्षा गार्ड दीप नारायण यादव के द्वारा छह लोगों को नामजद करते हुये अन्य तीन चार अज्ञात लोगों के खिलाफ सदर थानाध्यक्ष को आवेदन दिया गया है।
दहशत के साये कार्य करने को मजबूर हैं अस्पताल के चिकित्सक एवं कर्मी : सोमवार की देर रात्रि बिचौलियों के द्वारा हुई घटना को लेकर सदर अस्पताल के चिकित्सक एवं कर्मी दहशत में है। मंगलवार को सदर अस्पताल के ओपीडी विभाग में उपस्थित सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा डीपी गुप्ता, डा ओम नारायण यादव, डा कुमार अनुपम, डा केके दास, डा एसएन यादव, डा फूल कुमार, डा कुमार संदेश, डा पवन कुमार समेत अन्य चिकित्सकों ने साफ कहा कि सदर अस्पताल के चिकित्सक एवं कर्मी भय के माहौल में कार्य करने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में सुरक्षा को लेकर एवं बिचौलियों का हावी होने को लेकर कई बार जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया है, लेकिन अब तक बिचौलियों पर कोई लगाम नहीं लग पाया है, जिसके कारण अस्पताल के कर्मियों एवं चिकित्सकों से आये दिन मारपीट की घटना होती रहती है।
उन्होंने कहा कि सोमवार की रात्रि अगर अस्पताल के चिकित्सक तत्परता से कार्य नहीं करते तो किसी की जान भी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सदर अस्पताल के चिकित्सक, पदाधिकारी, कर्मी समेत स्वास्थ विभाग से जुड़े सभी कर्मी अपनी जान की परवाह किये बगैर, लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं, इसके बाद अस्पताल में बिचौलियों दहशत चिकित्सकों एवं कर्मियों को कार्य करने में बाधा उत्पन्न कर रही है एवं बिचौलियों के एवं दहशत के कारण सही ढंग से कार्य नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के चिकित्सक गरीब एवं बेकसूर जनता के साथ है। वेलोग अपने काम से पीछे हटने वाले नहीं हैं, अपनी जान परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में डटे रहेंगे,जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन भी चिकित्सक के साथ-साथ आम जनता की सुरक्षा की व्यवस्था उपलब्ध करायें।