नालंदा/बिहार: जिला में राष्ट्रीय जनता दलऔर वामपंथ पार्टियों के द्वारा विश्व घात व धिक्कार मार्च निकालकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की डिजिटल वर्चुअल रैली के खिलाफ थालीपीठ कर विरोध जताया। जिले के सभी प्रखंड के सभी जगहों पर आरजेडी समर्थकों ने अपने-अपने घरों के बाहर निकल कर थालीपीठ कर विरोध जताया।
जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में जिला कार्यालय भराव पर स्थित कार्यालय के सामने पार्टी कार्यकर्ताओं ने 11 बजे से लेकर 11:10 बजे तक अर्थात 10 मिनट तक थाली पीठ कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली का विरोध किया गया। जिला कार्यालय के सामने जिला अध्यक्ष अशोक कुमार हिमांशु के द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष, राज्य सचिव हिमायू अख्तर तारीक, सुनील कुमार यादव और हाजी मजहर आलम ने बताया कि आज देश और दुनिया में करोना वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका है، ऐसे समय में भी भाजपा के द्वारा गरीब, मजदूरों के हित की अनदेखी करते हुए، बैचुअल रैली आयोजन कर गरीबों, मजदूरों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया जा रहा है। इन नेताओं ने कहा कि मजदूरों के हित में बात करने वाली राज्य सरकार का भी अब पर्दाफाश होने लगा और मुख्यमंत्री के इरादे की पूरी तरह पोल खुल गई है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे देश के रहने वाले निवासी को ही प्रवासी शब्द का उपयोग कर अपमानित करने का कार्य किया जा रहा है । रोजी-रोटी कमाने के लिए दूसरे राज्यों में जाने वाले हमारे बिहार के तमाम ग़रीब, मजदूर, मेहनतकश जनता को प्रवासी मजदूर बताकर अपमानित करने का कार्य सरकार कर रही है، आज हम अपने घर में ही प्रवासी हो गए। बिहार सरकार पर हमला करते हुए इन नेताओं ने कहा कि लगातार बिहार सरकार के द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि वापस आने वाले सभी मजदूरों को बिहार में ही काम उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन क्या अभी तक इसका कोई परिणाम निकला है, या बिहार की जनता भला भाती जान रही है।
दूसरी ओर वाम दलों की ओर से शहर के श्रम कल्याण मैदान से एक विरोध मार्च निकालकर रांची रोड, एलआईसी, भराव पर होते हुए हॉस्पिटल मोर पर पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वर्चुअल रैली के दिन विश्वासघात व अधिकार दिवस के रूप में मनाया। वाम दलों में भाकपा माले, भाकपा और माकपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। नेताओं ने कहा की करोना के प्रसार को रोकने की गारंटी करनी होगी और करोना के आड़ में तानाशाही थोपना बंद किया जाए, लोकतंत्र और संविधान पर हमला पूरी तरह बंद होनी चाहिए, सड़कों पर पैदल चल रहे मजदूरों की मौत पर 20- 20 लाख का मुआवजा दिया जाए और किसानों के कर्ज को माफ किया जाए। वाम दलों के कार्यकर्ताओं के द्वारा बिना अनुमति और लॉक डाउन उल्लंघन कर जुलूस निकालने के आरोप में पुलिस गिरफ्तार कर लिया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इस अवसर पर माले के पाल बिहारी लाल, मकसूदन शर्मा, रामधारी चौधरी इंसाफ मंच के सरफराज खान अधिवक्ता, मोहम्मद खालिद आइशा के जयंत आनंद, भाकपा के नरेश प्रसाद, मोहन प्रसाद, अमित पासवान सीपीएम के जनार्दन प्रसाद, मोहम्मद तसलीम किसान नेता राजकिशोर प्रसाद नरेंद्र कुमार के अलावे सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।