दरभंगा/बिहार : थोड़ी सी चूक या ये कहिये सिस्टम से अलग होकर काम करना, कभी-कभी भारी पड़ सकता है! एससी/एसटी के विशेष न्यायाधीश सह प्रथम एडीजे संजय अग्रवाल की कोर्ट ने दरभंगा के नगर पुलिस अधीक्षक को शो कॉज नोटिस जारी कर जबाब तलव किया है। अदालत ने उक्त कार्रवाई अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाईडलाईन एवं दप्रसं के प्रावधान के विपरीत दरभंगा, एससी/एसटी थानाकांड सं.6/20 के अभियुक्त महेश प्रसाद की गिरफ्तारी की बाबत किया है।
उक्त प्राथमिकी में वर्णित सभी धाराओं में अधिकतम 7 वर्षों की सजा का प्रावधान है, जिसमें अभियुक्त की गिरफ्तारी से पूर्व दप्रसं की धारा 41ऐ की नोटिस का अनुपालन अनिवार्य है। अदालत ने नोटिस में उल्लेखित किया है कि बिना इसका अनुपालन किये हीं आरोपी अभियुक्त को अनुसंधानक ने गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया। गिरफ्तारी के सन्दर्भ में जब अनुसंधानकर्ता से पुछा गया तो उसने अदालत में लिखित प्रतिवेदन दाखिल किया है। जिसमें कहा है कि नगर पुलिस अधीक्षक के बारंबार दबाब डालने तथा उनके मौखिक आदेश पर गिरफ्तारी की गई है।
वहीं अभियुक्त की गिरफ्तारी का कोई तर्कसंगत तथ्य नही दिया है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आपके तथा अनुसंधानकर्ता के द्वारा न तो न्यायालय और न हीं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान किया जा रहा है। ऐसा किया जाना न्यायालय की अवहेलना है। आपको निदेशित किया जाता है कि दि. 9 जून को आप अदालत में सदेह उपस्थित होकर अपना प्रतिवेदन समर्पित करें।