नालंदा/बिहार: जिला मुख्यालय बिहारशरीफ स्थित बड़ी दरगाह में हजरत मख़्दूम-ए-जहां शेख सर्फ उद्दीन अहमद जहिया मनेरी रहमतुल्लाह अलाई के आस्ताने पर लगने वाला 659 वां उर्स मेला करोना वायरस COVID-19 के कारण लॉक डाउन के मध्य नजर आयोजन नहीं किया गया। सिर्फ जिला प्रशासन की ओर से दो अधिकारियों के नेतृत्व में मख़्दूम-ए-जहां के स्थाने पर चादर पोशी कर रस अदायगी की गई।
चादर पोशी सदर अनुमंडल अधिकारी जनार्दन प्रसाद अग्रवाल और पुलिस अनुमंडल अधिकारी इमरान परवेज के द्वारा आस्ताने पर चादर पोशी की गई। चादर पोशी करने के बाद अधिकारियों ने जिला, राज्य और देश में शांति सद्भाव, खुशहाली, आपसी भाईचारगी और करोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए दुआ की गई।
इस अवसर पर अपर अनुमंडल अधिकारी मुकुल कुमार मीणा, बिहार थाना इंस्पेक्टर दीपक कुमार और छोटन बिहारी भी उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि ईद-उल-फितर के पांचवें तारीख को हर साल मख़्दूम-ए-जहां के आस्ताने पर उर्स मेला का आयोजन किया जाता था, जो 10 ईद-उल-फितर तक चलता रहता था और हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते थे। इस उर्स मेले में बिहार के अलावे बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और आसाम के अलावा कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल के जायरीनों का आगमन होता था। लेकिन लॉक डाउन के वजह कर मख़्दूम-ए-जहां के आस्ताने पर लगने वाला उर्स मेला को स्थगित कर दिया गया था जिसके कारण शुक्रवार को मख़्दूम-ए-जहां के आस्ताने पर पूरी तरह सुनसान और सन्नाटा पसरा हुआ रहा, सिर्फ आस्ताने पर पर दो-चार लोग ही दरूदो फातहा पढ़ते हुए नजर आए।
शुक्रवार पांच ईद-उल-फितर को आरंभ होने वाला मख़्दूम-ए-जहां के आस्ताने पर उर्स मेला में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ रहा, जबकि उर्स मेला का आयोजन होता था तो पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती थी, लेकिन आज दूर-दूर तक सिर्फ एक दो व्यक्ति ही देखे गए।
इस तरह करोना वायरस संक्रमण का असर मख़्दूम-ए-जहां मख़्दूम-ए-जहां के आस्ताने पर पर लगने वाला उर्स मेला पर भी पड़ा और जायरीन अपनी मुरादों के लेकर आस्ताने पर नहीं पहुंच सके।