मधेपुरा/बिहार : दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से पूर्णिंया के लिये चली 04060 नंबर की श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार की सुबह दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर 08:25 में पहुंच कर रूक गयी, काफी देर तक स्टेशन पर गाड़ी के रूकने के कारण ट्रेन में सवार श्रमिक काफी परेशान हो गये। ट्रेन के लगभग दो से तीन सौ यात्री कंट्रोल रूम तक पहुंच कर बार- बार गाड़ी खोलने की विनती कर रहे थे, लेकिन वहां कहा जा रहा था कि अब ट्रेन यही तक रहेगी, यहां से आगे नहीं जायेगी।
गाड़ी के नहीं खुलते देख सभी श्रमिक उग्र होकर कंट्रोल रूम के सामने विरोध प्रदर्शन करने लगे। श्रमिक कह रहे थे, बिस्कुट एवं पानी के सहारे हमलोग सफर कर रहे है, यहां पर तो पानी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तो ट्रेन काफी देर से चल रही है, वहीं दूसरी ओर ट्रेन में न खाने पीने की सुविधा है और न ही शौचालय में पानी है। स्टेशन के प्लेटफॉर्म के उंची करण का कार्य होने के कारण स्टेशन पर कोई सुविधा नहीं है। प्लेटफार्म पर पेयजल की सुविधा नहीं है। पानी के लिये मजदूर इधर उधर भटकते नजर आ रहे थे। कंट्रोल रूम के समक्ष श्रमिकों का झुंड हो हल्ला करते रहे। काफी विचार विमर्श के बाद ट्रेन लगभग दो घंटे बाद मधेपुरा स्टेशन से पूर्णिया के लिये खुली।
पुलिस बल नहीं दिया लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग पालन करने की सलाह : दिल्ली रेड जोन है, वहां से आने वाले यात्रियों की जांच के साथ सैनिटाइज किया जाना चाहिये, लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा किये गये इंतजाम को अमलीजामा पहनाने के बजाय तैनात कर्मी नदारद हो गये। हंगामा को देखकर एक भी पुलिस अधिकारी एवं पुलिस बल लोगों को समझाने या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह नहीं दिया। इस विकट समय में भी पुलिस बल एक जगह जमा होकर तमाशबीन बनी रही। लगातार स्टेशन पर ट्रेन पहुंच रही है और श्रमिकों को उतारा जा रहा है। ऐसी स्थिति में मौके पर अधिकारियों की गैरमौजूदगी चिंता का विषय है। मामला अधिक बढ जाता तो जिले के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता। घंटों हंगामा की सूचना के बाद एएसपी अमरकांत चौबे स्टेशन पहुंच कर श्रमिकों से वार्ता कर ट्रेन में बैठने की बात कही, साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारी एवं पुलिस बल को जमकर फटकार लगाया और अपने कर्तव्य में कोताही नहीं बरतने का सख्त निर्देश दिया।
भोजन पानी से लेकर अन्य दैनिक कार्यों में असुविधा : सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन में लगातार श्रमिकों को उनके गृह जिला समेत प्रखंड भेजा जा रहा है। इस दौरान ट्रेन में यात्रा करने से लेकर उन्हें गृह प्रखंड जाने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनें लगातार देरी से चल रही है, कई ऐसे ट्रेने हैं जो लगभग दस से 15 घंटा देर से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच रही है। ट्रेन में मजदूरों को भोजन पानी से लेकर अन्य दैनिक कार्यों में असुविधा हो रही है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन होने के कारण यह ट्रेन उसी स्टेशन पर रूकती है, जहां श्रमिकों को उतारना होता है। देर से ट्रेन चलने के कारण एवं कम स्टेशन पर ट्रेन रूकने के कारण श्रमिकों को शौचालय में पानी नहीं रहने के कारण भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं ट्रेन में खाना पीने की व्यवस्था नहीं है। गृह जिला पहुंचते ही कई दिनों से भूखे श्रमिकों का दर्द छलक पड़ता है।