किशनगंज से वरीय उप संपादक शशिकान्त झा की रिपोर्ट :
किशनगंज/बिहार : कोसी के लाल सुमन सिंह जो मूलतः सहरसा के हरिपुर के निवासी और वर्तमान में किशनगंज के बहादुरगंज थानाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। उनकी कार्यशैली की जिले के आसपास ही नहीं बल्कि पूरे सूबे में चर्चा हो रही है। वैसे यह कोई नई बात नहीं है। सुमन सिंह का इतिहास भी रहा है कि वो जहां – जहां कार्यरत रहे वहां की जनता के दिलों पर उन्होंने अपनी कार्यशैली से बादशाहत कायम की।
डीजीपी बिहार और थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह के दरम्यान हुई बातचीत का ऑडियो :
क्या बूढ़े, क्या जवान, क्या बच्चे, सबको बहुत भाते हैं थानाध्यक्ष सुमन सिंह :
धर्म और कर्म को सदैव साथ लेकर चलने वाले सुमन सिंह जरूरत पड़ने पर कर्म को सर्वाधिक प्रधानता देते हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण है कोरोना रूपी महामारी के बीच लगातार उनका अपनी ड्यूटी के साथ जनता के बीच उनकी जरूरतों को पूरा करने में समर्पित ही होना। इस विषम दौर में थाना के अन्य सदस्यों के साथ पहल कर हजारों की संख्या में जरूरतमंदों को भोजन और राशन वो रोज उपलब्ध कराते हैं । कहीं खुद जाकर तो कहीं किसी को भेजकर । कई मौकों पर उनकी गाड़ी मरीजों के लिए एम्बुलेंस का भी काम करती है, इतना ही नहीं सूचना मिलने पर अपने खर्च पर मरीजों को दवा घर तक उपलब्ध कराते हैं। जनता को असुविधा न हो इसके लिए अपने नम्बर को हेल्पलाइन नंबर के रूप में जारी किया है। शायद यही कारण है कि थानांतर्गत हर घर उन्हें अपने घर का सदस्य ही नहीं मानता बल्कि एसपी कुमार आशीष और डीएम आदित्य प्रकाश ने इन्हे बेस्ट थानाध्यक्ष का अवार्ड भी दिया था। खुद डीजीपी इनके कार्यों के कायल रहें हैं। इनके कार्यों की चर्चा जब लगातार पूरे राज्य में हो रही है तब डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इन्हे फोन कर बधाई ही नहीं दिया बल्कि उन्हें विभाग का गौरव बताते हुए कहा कि विभाग को उनपर गर्व है कि उनके जैसे लोग भी हैं।
लगभग चार मिनट तक की हुई बात में डीजीपी लगातार उनके कार्यों की तारीफ ही करते हुए कहा कि आपके कार्यों से पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा । बात के क्रम में उन्होंने फोन पर ही यह घोषणा कर दी की कोरोना की लड़ाई खत्म होते ही उन्हें पटना बुलाकर विशेष कोरोनावीर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
ज्ञातव्य हो अपने काम से सुमन सिंह उस समय नई इबारत लिख रहे हैं जब वो परिवारिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं । उनकी पत्नी की तबियत लगातार खराब रहती है, आलम यह है कि अभी वो अपनी पत्नी का इलाज एम्स दिल्ली में करा रहे हैं, वहीं छ साल का बेटा सिद्धार्थ लॉक डाउन में पटना नानी के यहां फंसा है। विषम पारिवारिक स्थिति होने के बाद भी थाना प्रभारी सुमन सिंह लगातार कर्म के मार्ग पर अग्रसर हैं। फोन पर हमेशा पत्नी की खबर लेने के साथ साथ बेटे से भी संपर्क में रहने वाले सुमन सिंह जनता की सेवा में भी अपनी भागीदारी दे रहें हैं। डीजीपी से मिली शाबाशी और सम्मानित करने के बाद सुमन सिंह ने कहा कि यह लोगों का प्यार और विभाग का हर मोड़ पर सहयोग है कि वो अपनी भूमिका को निभा पाने में निरन्तर सक्रिय हैं।
किशनगंज पुलिस प्रशासन से जुड़े सभी पदाधिकारियों संग आमजनों ने थानाप्रभारी सुमन सिंह की डीजीपी द्वारा प्रशंसा और कोरोनावीर से सम्मानित करने की घोषणा पर उन्हें बधाई दिया है।