चौसा/मधेपुरा/बिहार : प्रकृति का प्रकोप ठहरने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर पूरा संसार करोना जैसी महामारी से त्रस्त है, वहीं लगातार चक्त्रवाती तूफान भारी वर्षा से यहा का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रखंड क्षेत्र में आंधी तूफान से मकई की फसल को काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि आंधी-तूफान से कमर ही टूट गई। एक तो कोरोना वायरस के कारण लागू लाॅकडाउन से लोग घरों में कैद है। काम-धंधा बंद है। मक्के की फसल से आस थी कि किसी तरह से परिवार को भरण-पोषण हो जाएगा। लेकिन आंधी और बारिश ने कमर ही तोड़ दी।
मालूम हो कि चौसा प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार को आई तेज आंधी और तूफान ने किसान सहित गरीब के आशियाने को उजाड़ दिया। वहीं प्रखंड क्षेत्र के कई अलग अलग जगहों पर घर के ऊपर दिए टीन तेज हवा में उड़ कर कही दूर जा गिरा तो किसी के घरों पर दिए प्लास्टिक हवा में उड़ गए। कोरोना के कारण मजदूरी नही मिलने और बड़ी मुश्किलों से अपने परिवार का पेट पालने वाले लोगो ने कहा कि किसी तरह अनाज की व्यवस्था कर खाना खाते थे मगर अब घर के ऊपर से छत भी गायब होने लगा। ऐसी स्थिति में उनको कोई देखने वाला नहीं है और न ही कोई इसके संबंध में पूछने आया।