मधेपुरा/बिहार : बुधवार को बीएनएमयू के पुराने परिसर में शोधार्थियों की एक बैठक हुई, जिसमें पैट परीक्षा के नौ माह गुजर जाने के बाद भी अंकपत्र नहीं मिलने एवं कोर्स वर्क की परीक्षा की सुगबुगाहट नहीं होने पर गंभीरता से चर्चा हुई । बैठक में एक स्वर में सबों ने कहा कि विश्वविद्यालय की यह लचर व्यवस्था एवं लेट लतीफी छात्र हित में सही नहीं है । अगर अविलंब इसको लेकर कारगर पहल नहीं की गई तो उनलोगों की हालत भी 11 बैच के शोधार्थियों जैसी हो जाएगी ।
बैठक के बाद शोधार्थियों ने बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय से मुलाकात कर मांगपत्र सौंपते हुए मांग पर अविलंब पहल की मांग की । लगभग एक घंटे तक चले बैठक में कई बार माहौल बिगड़ता नजर आया । कुलपति एवं शोधार्थियों के बीच नोक झोंक की नौबत आ गई, जिसे शांत कराया गया । शोधार्थी अपनी मांग पर अडिग थे कि ही उन्हें हर हाल में अंकपत्र मिले, आखिर बार-बार उन्हें सिर्फ दिलाशा क्यों दिया जाता है । उनका कहना था कि कोर्स वर्क आगे पीछे शुरू करने के बहाने की आड़ में सेमेस्टर को और लंबा नहीं किया जा सकता है, इससे आगे की प्रक्रियाओं में काफी अड़चने आएगी ।
वार्ता के दौरान कुलपति ने स्वीकार किया कि अंकपत्र मिलने में देर हुई है । उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर अंकपत्र संबंधित विभाग को भेज दिया जाएगा । साथ ही सिलेबस का हिस्सा एक माह का कम्प्यूटर क्लास के कोर्स को पूरा कराते हुए मई के प्रथम सप्ताह में हर हाल में परीक्षा ले ली जाएगी । इस दौरान सबों ने कुलपति से मांग किया कि विश्वविद्यालय में पारदर्शिता हो, एक दूसरे पर काम थोपने की प्रथा बंद हो । शोधार्थियों ने इस दौरान यह भी साफ किया कि अब अगर विश्वविद्यालय द्वारा विलंब हुआ तो क्रमबद्ध आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा ।
बैठक एवं कुलपति से मिलने वाले शोधार्थियों में मुख्य रूप से हर्ष वर्धन सिंह राठौर, निशांत कुमार, वसीम उद्दीन, सारंग तनय, सौरभ कुमार, सोनू यादव, दिलीप कुमार दिल, माधव कुमार, अक्षय सिद्धार्थ, यादव राजेश रंजन, हिमांशु कुमार, विवेक कुमार, लक्ष्मण कुमार, सहित अन्य मौजूद थे ।