पंजाब : 1947 से बंद पड़ी गोहीर की मस्जिद में पढ़ी गई पहली नमाज़ 

फ़ोटो : गांव गोहीर में पहली नवाज अदा करने के बाद जानकारी देते हुए कलीम आजाद, फजलुर्रहमान, अब्दुसत्तार ठेकेदार व अन्य
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वक्फ बोर्ड मैम्बर कलीम आजाद ने 2 लाख रुपए देने का किया ऐलान 

मेराज आलम
ब्यूरो-लुधियाना, पंजाब

लुधियाना/पंजाब : सात दशक बाद आज जैसे ही तहसील नकोदर मस्जिद नूरी, गोहीर में पहली नवाज अदा की गई तो पूरे गांव में खुशी का माहौल पैदा हो गया और सिख समाज तथा मुस्लिम समाज ने इसको आपसी एकता की संज्ञा दी। 

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उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले इस मस्जिद को पंजाब वक्फ बोर्ड मैम्बर कलीम आजाद, इसलाहे उम्मत एजुकेशनल एंड वैल्फेयर ट्रस्ट पंजाब के अध्यक्ष फजलुर्रहमान के प्रयासों से गोहीर की यह मस्जिद मुसलमानों के हवाल की गई थी, फिर उसकी मुरम्मत के बाद आज इस मस्जिद में पहली नवाज अदा की गई।

इस अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में शामिल हुए इसलाहे उम्मत एजुकेशनल वेलफेयर पंजाब के चेयरमैन फजलुर्रहमान मजाहिरी ने कहा कि मस्जिदों अल्लाह का घर हैं, उन्हें आबाद रखने वाले भाग्यशाली हैं। उन्होंने कहा कि गोहीर जैसे गांव में मस्जिद होना एक ऐतिहासिक कदम है। केवल पंजाब नहीं बल्कि पूरे देश में अच्छा संदेश गया है। मस्जिद के पड़ोसी सरदार कुलदीप ङ्क्षसह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके गांव में अल्लाह की इबादत के लिए मस्जिद खोल दी गई है।

वहीं पंजाब वक्फ बोर्ड सदस्य कलीम आजाद ने वक्फ बोर्ड से 2 लाख रुपए ग्रांट देने की घोषणा की और कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है कि इस मस्जिद में उनकी उपस्थिति में पहली बार नवाज पढ़ी गई। 

इस मौके पर प्रधान रवींद्र ङ्क्षसह, मदनी मस्जिद नकोदर के प्रधान अब्दुसत्तार ठेकेदार, मौलाना अमानुल्लाह मजाहिरी, मो. नवाब मो. दिलबाग, मो. सलीम, मोहम्मद अली, लाल हुसैन, मुस्तफा, बशीर अहमद, चौधरी याकूब मो. मिसकीन, मो. अशरफ अली, राजू, मो. शाकिर, हाफिज मो. गलफाम, मो. निराले, नैयर आलम मौजूद थे।


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