मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय स्थित कला भवन में शुक्रवार को बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध राज्यव्यापी अभियान के अंतर्गत निर्वाचित मुखिया का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। समाज कल्याण विभाग एवं महिला विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सदर अनुमंडल पदाधिकारी वृंदा लाल ने की।
इस कार्यशाला में जिला मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार समेत सदर प्रखंड, शंकरपुर प्रखंड, गम्हरिया प्रखंड, मुरलीगंज प्रखंड, कुमारखंड प्रखंड के मुखिया उपस्थित थे। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिनिधियों से सदर अनुमंडल पदाधिकारी वृंदा लाल ने कहा कि वह अपने क्षेत्र में बाल विवाह व दहेज प्रथा को रोकने के लिए सकारात्मक पहल शुरू करें, ताकि आंकड़े में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एवं दहेज के लिए कठोर कानून का प्रावधान है। हर हाल में दोषी व्यक्ति एवं इसमें सहयोग करने वाले लोगों को कड़ी से कड़ी सजा भुगतनी पड़ सकती है। मुखिया अपने क्षेत्र के लोगों एवं अन्य प्रतिनिधियों को बुलाकर उन्हें इसकी बाल विवाह एवं दहेज प्रथा की पूरी जानकारी दें। यदि क्षेत्र में इससे संबंधित जानकारी मिले तो ऐसे परिवार से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर उन्हें इस कुप्रथा से होने वाले नुकसान के विषय में बताएं।
अनुमंडल पदाधिकारी वृंदा लाल ने कहा कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा गरीब तथा अमीर दोनों क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि रावण और कंस जैसे बुराइयों का अंत करने के लिए राम और कृष्ण ने पैदा लिया था। उसी तरह समाज के बुराइयों से लड़ने के लिए हमें आगे आगे आना होगा. समाज के लोगों को जागरूक करना पड़ेगा। तब जाकर हम बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसे कुप्रथा से लड़ सकेंगे और उसे समाज से दूर हटा सकेंगे।
मौके पर उपस्थित जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष स्वदेश कुमार ने कहा की सभी पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी अधिक हो जाती है कि आपके पंचायत में इस तरह का कोई घटना ना घटे। अगर इस तरह की घटना की सूचना आपको मिलती है तो इसकी सूचना अपने संबंधित थानाध्यक्ष, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी को अभिलंब सूचना दें। वही बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन अभियान के जिला समन्वयक नूतन कुमारी मिश्र ने कहा कि सरकार बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध राज्यव्यापी अभियान चलाकर समाज को जागरूक करने का प्रयास कर रही है और इसी कड़ी मे पंचायत के मुखिया को भी इस अभियान को सफल क्रियान्वयन के लिए कार्यशाला आयोजित कर समाज मेंं दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के विरुद्ध सरकार के अभियान को कदम से कदम मिलाकर सफल बनाने का आह्वान किया गया है।
उन्होने कहा कि बाल विकास परियोजना हमेशा बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध गांव-गांव मेंं जाकर जागरूकता समाज के अंतिम व्यक्ति तक आवाज पहुंचाने का कार्य कर रही है। पंचायत के मुखिया अपने -अपने पंचायत मे बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसे कुरितियो को समाप्त करने मेंं तन-मन के साथ देते हैं, तो समाज से दहेज प्रथा व बाल विवाह का उन्नमूलन करना कोई बड़ी बात नही है।