पटना/दरभंगा/बिहार : शुक्रवार को 12 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम दरभंगा महोत्सव के लिए एक प्रेस वार्ता का आयोजन विश्वविद्यालय धरनास्थल पर किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए और दरभंगा महोत्सव कार्यक्रम के अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा ने कहा कि दरभंगा महोत्सव दरभंगा के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर परिदृश्य हैं एक तरफ जहाँ दरभंगा का अपना एक अतीत था जो बहुत ही सुनहरा था जो धीरे धीरे अब ख़त्म होने के कगार पे हैं। जहाँ इसकी एक अपनी सांस्कृतिक, धरोहरिक पहचान थी आजादी से पूर्व आजादी के बाद की तस्वीर की बात करें तो जहाँ एक ओर देश कई पिछड़े इलाके जो पूर्णतः आज संपन्न है। लेकिन हमारा इलाका जो संपन्न होते हुए भी आज इतना पिछड़ गया है ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगो को अपने संस्कृति, धरोहर और अपनी विरासत की रक्षा करने का हैं। दरभंगा के पास कई ऐसे धरोहर है जो संरक्षण के अभाव में खत्म होता जा रहा है। बात दरभंगा लाल किला की जाए या चाहदीवार की बात की जाए, आज सब नष्ट होने के कगार पर आ गया है। जिसकी चिंता ना तो किसी राजनीतिक दल स्थानीय प्रशासन और ना ही यहां की लोगों की है यहां की धरोहर को खत्म किया जा रहा है। अगर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाया जाता है तो बहुत जल्द कई ऐसे धरोहर है जो पूर्णता खत्म हो जाएंगे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दरभंगा के कामेश्वरनगर अवस्थित चौरंगी पर 12 जनवरी को होगा ।वहीं दरभंगा महोत्सव के सचिव अमन सक्सेना ने कहा कि दरभंगा के आम जनमानस के द्वारा दरभंगा महोत्सव का आयोजन 12 जनवरी से किया जाएगा। पांच दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन पाग शोभा यात्रा से की जाएगी जो कल 10 बजे दोनार चौक होते हुए भटियारीसराय, नाका-5 मिर्जापुर होते हुए विश्वविद्यालय चौरंगी तक जाएगी।
साथ ही साथ महोत्सव के बारे में प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हर साल मिथिला महोत्सव के नाम पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। लेकिन दरभंगा महोत्सव के कार्यक्रम को आयोजित करवाने का एक विशेष उद्देश्य है कि दरभंगा की विरासत सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा है। साथ ही हमारी संस्कृति का भी अलग महत्व हैं । जिसे संरक्षित करने की जरूरत है। लेकिन हम सभी दरभंगा वासियों के द्वारा इस विरासत धरोहर को उपेक्षित रखा जाता है। इसलिए अपने दरभंगा की गौरवशाली गाथा के 200 वर्षों के पुरानी तस्वीरों को चौरंगी पर प्रदर्शित की जाएगी, जिससे दरभंगा के आमजनमानस 200 वर्षों पहले खूबसूरत दरभंगा का दीदार कर सकेगी।
वही दरभंगा के बुद्धजीवी वर्गों के द्वारा धरोहरों के संरक्षण हेतु संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। और इस महोत्सव के माध्यम से धरोहरों को सहेजने की नव चेतना को एक नई दिशा दी जाएगी। दरभंगा महोत्सव के अगले पड़ाव की जानकारी देते हुए सक्सेना ने कहा 19 जनवरी को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा जो अब तक का सबसे बड़ा रक्तदान शिविर होगा। उसके बाद हज़ारो छात्रों के बीच 24 जनवरी को कर्पूरी प्रतिभा खोज प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी । गोपाल चौधरी ने कहा कार्यक्रम का अगला पड़ाव 16 फ़रवरी को छात्रों के बीच कैरियर कॉउंसलिंग से की जाएगी जिसमे शिक्षा छेत्र से लेकर स्वास्थ्य तथा प्रशासनिक छेत्र के नामी गिरामी लोग अपनी बात छात्रों के बिच रखेंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे । महोत्सव का समापन 23 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों से किया जाएगा, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में एलएनएमयू के कुलपति,दरभंगा नगर निगम के मेयर समेत प्रशासनिक छेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।
मौके पे कार्यक्रम प्रभारी संतोष चौधरी, सचिव अमित मिश्रा, उपाध्यक्ष दिवाकर मिश्रा, अंगद कुमार भारती, वेदांत वत्स, सोनू कुमार झा, केशव मैथिल, शिवांगी कुमारी, प्रखर झा आदि मौजूद थे।