मधेपुरा/बिहार : बुधवार को एनएसयूआई ने छात्रहित के आठसूत्री मांगों को लेकर बीएनएमयू के मुख्यद्वार पर तालाबंदी किया। घंटों नारेबाजी के बाद बीएनएमयू कुलानुशासक, कुलसचिव और परिसंपदा पदाधिकारी ने वार्ता कर कुलपति से वार्ता करवाने की बात कही। जिसके बाद विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार को खोला गया। इसके बाद कुलसचिव कार्यालय में कुलपति के अनुपस्थिति में वार्ता शुरू हुई।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू छात्रों का है, लेकिन यहां छात्रों को ही नजरअंदाज किया जा रहा है। छात्रों का शोषण और उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। बीएनएमयू स्थापना के बाद पहली बार इस वर्ष में कुलपति कार्यालय के द्वार पर ताला लगा है। गार्ड छात्रों को अंदर जाने नही दे रहे है। कुलपति और छात्रों के बीच सीधे संवाद नही होने के कारण, विवि पदाधिकारियो का तानाशाही और छात्रों का शोषण चरम पर है। विवि छात्रों से मनमाना शुल्क वसूली कर रहा है।
छात्रों की समस्याओं के समाधान का नहीं है कोई समय सीमा : निशांत यादव ने कहा कि स्नातकोत्तर के नामांकण में आवेदन के लिये सभी छात्रों से तीन सौ रुपया लिया गया। जबकि पिछले वर्ष 75 रुपया लिया गया था। लगातार विरोध के कारण विवि प्रशासन ने शुल्क को सौ रुपया कर दिया, लेकिन तब तक सभी छात्र आवेदन कर चुके थे, तो विवि को उन सभी छात्रों को दो सौ रुपया वापस कर देना चाहिये। लेकिन विवि प्रशासन इससे मुकर रहा है। बिल्कुल यही पैट में भी यहां के छात्रों के साथ हुआ।
उन्होंने कहा कि छात्र जब किसी समस्या को लेकर विवि आते है तो उनके समाधान के समय की कोई सीमा नही होती या कह सकते है कि समाधान की कोई गारंटी नही होती है। जिसके कारण छात्र बिचोलिया और दलालों के चंगुल में फसने को मजबूर हो जाते है, ताकि उनका काम हो सके। निशांत यादव ने कहा कि विवि प्रशासन एक समय सीमा रखे कि अगर छात्र के आवेदन पर सात दिनों के अंदर कार्यवाई या समाधान नही हुआ तो उस पदाधिकारी या कर्मचारी पर कार्यवाई होगी।
छात्रों का शोषण बर्दास्त नहीं, होगी आर-पार की लड़ाई : एनएसयूआई छात्रनेता नीरज कुमार ने कहा की विवि कैंपस के गर्ल्स हॉस्टल को चालू क्यो नही किया जा रहा है, कुलपति जवाब दें। विवि में लगातार अधिकारियों की बैठक होती है, लेकिन छात्रों की स्थिति में आज तक सुधार नही हो पाया है। विवि की तानासाही चरम पर है। विवि कुलपति लठैतों के दम पर विवि चलाने कि कोशिश कर रहे है, जो कभी नही होने दिया जाएगा।
मौके पर एनएसयूआई छात्रनेता हिंमांशु राज ने कहा कि पेंडिंग सेल विवि अधिकारियों के लिये सोना देने वाली मुर्गी के समान है। विवि प्रशासन का अगर यही रवैया रहा तो उग्र आंदोलन होगा। एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष सौरव यादव और नीतीश यादव ने कहा कि छात्रों का शोषण बर्दास्त नही किया जाएगा। अब आर-पार की लड़ाई होगी। घंटों कुलसचिव कार्यलय में बैठाने के बाद भी जब कुलपति से वार्ता नही करवाया गया तो जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने आक्रोशित होकर कहा कि अब कोई वार्ता नही होगी और सभी छात्र कार्यलय से निकल पड़े, पदाधिकारियो के मनाने के बाद भी छात्रनेता नही रुके।
मौके पर अशोक कुमार, अमित कुमार, विकाश कुमार, रितेश कुमार, अमित कुमार, मनीष कुमार, दिलखुश कुमार, राहुल जयकार, मिस्टर यादव समेत अन्य एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे।