मधेपुरा/बिहार : जले के उदाकिशुनगंज प्रखंड मुख्यालय के चौसा चौंक पर गत 20 सितंबर के दोपहर 12:30 बजे के करीब, दिन-दहाड़े दिलखुश कुमार की हत्या अपराधियों द्वारा गोली मार कर दी गई थी। दिन-दहाड़े हुई हत्या को पुलिस की लापरवाही कहें या कोई सुनियोजित षडयन्त्र लेकिन उदाकिशुनगंज की यह घटना ने एक बार फिर पुलिस को चुनौती दी ।
युवक की हत्या किसने की और क्यों की यह अभी भी एक पहेली बनी हुई है। हालांकि पुलिस ने मृतक के पिता के आवेदन पर मृतक के दोस्त शरद यादव को मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया है लेकिन मौत का रहस्य अभी भी बरकरार है कि दिलखुश की हत्या किसने की और क्यों की यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है जिस पर से पर्दा हटना अभी बांकी है।
इस मामले में मंगलवार को एसपी संजय कुमार के द्वारा किए गए प्रेस कांफ्रेंस में भी इस बात का खुलासा नही हो पाया।
मालुम हो कि मुरलीगंज थाने क्षेत्र के गंगापुर वार्ड 6 के निवासी श्याम सुन्दर यादव के पुत्र दिलखुश कुमार की शादी उदाकिशुनगंज प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव की राधे यादव की पुत्री के साथ करीब एक वर्ष पहले हुई थी लेकिन अभी तक गौना नहीं हुआ था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक दिलखुश कुमार और प्राथमिकी अभियुक्त शरद दोनों एक अच्छा दोस्त थे। मृतक के दोस्त शरद और मृतक की पत्नी का एक दूसरे के घर अक्सर आना जाना हुआ करता है।
20 सितंबर की सुबह दिलखुश अपने पिता से ससुराल जाने के लिये एक सौ रुप्या का मांग किया था जिस पर पिता ने कहा मैं खेत में काम कर रहा हूं। घर जाकर अपनी बहन काजल से पैसा ले लो। दिलखुश कुमार अपनी बहन काजल से यह कह कर पैसा लिया की उदाकिशुनगंज कोर्ट में गवाही देने के लिये शरद यादव का फोन बार बार आ रहा है जल्दी जाना है लेट हो रहा है जल्दी पैसा दो और वह पैसा लेकर अपने ससुराल की ओर निकल गया। और फिर उसकी ह्त्या गोली मारकर कर दी गई।
इस संबंध में मृतक के पिता मुरलीगंज थाना क्षेत्र के गंगापुर वार्ड 6 निवासी श्याम सुंदर यादव ने थाने में एक नामजद अभियुक्त शरद यादव जो खोड़ागंज निवासी हजारी यादव के पुत्र है एवं दो अज्ञात के विरूध प्राथमिकी दर्ज करवाया है। जिसका प्राथमिकी संख्या 293/19 है।