विकलांग महिला को पति ने दिया तलाक, गुहार लगाने थाना पहूंची पीड़िता तो थानेदार ने एफआईआर करने से किया इन्कार

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दो बच्चे की मां को पति ने विकलांग कहकर दिया तीन तलाक

थाना पहूंचा मामला , थानाध्यक्ष ने एफआईआर लेने से किया इनकार

वसीम अख्तर
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा जिले के पुरैनी थाना अन्तर्गत तीन तलाक का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। जहाँ एक विकलांग महिला को पति द्वारा उसे अपंग कहकर नकारते हुए तीन तलाक दे दिया गया। मामले को लेकर शुक्रवार को विकलांग महिला जब अपने मां बाप और भाई के साथ पुरैनी थाना न्याय को पहूंची तो थानाध्यक्ष ने आवेदन लेने से इनकार कर दिया और महिला अपने परिजनो संग मायुस थाना के करीब बैठी हुई थी। एक तो एक पैर से अपाहिज उसपर से तलाक का दंश महिला के चेहरे पर मायुसी का बादल साफ दिख रहा था और परिजन थाना द्वारा एफआईआर नही लिये जाने से हताश व परेशान थे ।

क्या है मामला

इन्साफ के लिए थाना पहुंची पीड़ित महिला

6 वर्ष पूर्व हुई है इम्तियाज और अजमीना की शादी : पुरैनी थानाक्षेत्र के दिवान टोला चंदा निवासी मोहम्मद मुबारक की बेटी अजमीना खातुन (25 वर्ष) की शादी 6 वर्ष पूर्व 20 नवम्बर 2013 को मोहम्मद इम्तियाज पिता मोहम्मद युनुस ग्राम महारापुर तहसील जिला गाजियाबाद जिसका पूर्व पता ग्राम पोखरैला थाना व जिला समस्तीपुर निवासी के साथ गाजियाबाद कोर्ट मे हुई । जिसके बाद दोनो शादीशुदा जीवन दिल्ली मे बिताने लगे इस दरमियान इन दोनो के दो बच्चे भी हुए जिसमे एक 5 वर्ष की बेटी जबकी 4 वर्ष का एक बेटा है।

पीड़ीता द्वारा बताया गया की मुहर्रम पर्व में अपने पति और बच्चे के साथ समस्तीपुर पोखरैला स्थित ससुराल आये थे जहां उसकी सास हमीदा खातुन एवं ससूर मोहम्मद महमूद ने उसे बच्चो को छोड़कर मायके जाने को कहा और उसे पति मोहम्द इम्तियाज लेकर पुरैनी थानाक्षेत्र के दिवान टोला चंदा आ गया । पीड़िता ने बताया की मंगलवार को अचानक उसका पति तीन बार तलाक तलाक कहकर जाने लगा, इसपर जब वह पुछती है तो पति ने कहा की अपंग के साथ मेरा जी नही भरता है और कहकर चला गया और पता चला की अन्यत्र वह कही शादी भी कर लिया है। पीड़िता ने बताया की पति ने कहा कि अगर मेरे पास आना है तो एक लाख रूपया एक पेशन प्रो मोटरसाईकिल लेकर पोखरैला गांव आना और बच्चा को भूल जाना नही तो ट्रेन मे उठाकर फेंक देंगे ।

उक्त सभी आरोप महिला ने आवेदन मे लिखे है और आवेदन लेकर न्याय की उम्मीद लिये थाना पहूंची तो थानाध्यक्ष ने आवेदन लेने से इनकार कर दिया और पीड़िता को दिल्ली या समस्तीपुर जाकर प्राथमिकी करवाने की सलाह दे दी।

क्या कहते है थानाध्यक्ष : इस बाबत थानाध्यक्ष सुबोध यादव ने बताया की पुरैनी थाना में प्राथमिकी का मामला नही बनता है, इसलिये हमने उसे अपने ससूराल या दिल्ली जाकर प्राथमिकी को कहा।


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