मधेपुरा : चोरों और असामाजिक तत्वों का महफूज ठिकाना बनता जा रहा है सदर अस्पताल, मधेपुरा, प्रशासन बेखबर

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अमन कुमार
संवाददाता, सदर
मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : आए दिन अस्पताल में साइकिल चोरी, मोटरसाइकिल चोरी एवं पॉकेटमारी जैसी की घटना घटित होती रहती है, बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन ऐसे मामलों पर गंभीर नहीं है।

ऐसा ही मामला मंगलवार के दो बजे सदर अस्पताल में बीमारी का इलाज कराने आई महिला के साथ घटना घटित हुई। यह घटना भदौल की वार्ड नंबर एक निवासी संतोष दास की पत्नी ममता देवी के साथ घटी। इस बाबत पीड़ित महिला ने बताया कि वह अपनी पुत्री लक्ष्मी का इलाज कराने झोले में चार हजार रुपये लेकर सदर अस्पताल आई हुई थी। महिला अपनी बच्ची को चिकित्सक से दिखाने के बाद जब वह दवाई काउंटर दवाई लेने के लिए गई, तभी दो अज्ञात लड़की ने उसके चार हजार रुपए झोले से मारकर चली गई. जिसके बाद महिला ने शोर मचाने लगी कि दो लड़की मेरा पैसा लेकर भाग रही है। वही भीड़ होने के कारण दोनों अज्ञात चोर अस्पताल से भागने में सफल रही।

विभाग की लापरवाही के कारण सीसीटीवी कैमरा खराब

सदर अस्पताल में चपे-चपे पर सीसीटीवी कैमरा तो लगा हुआ है, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण सभी खराब होकर बेकार पड़े है। सीसीटीवी कैमरा खराब होने व गार्ड की कमी के कारण सदर अस्पताल में आने वाले मरीज व उनके सामानों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। सदर अस्पताल में आए दिन चोरी की घटना घटित होती रहती है. इसपर जब विभाग से बात की जाती है तो विभाग गार्ड व डॉक्टरों की कमी का रोना रोते है। इन घटनाओं के कारण अस्पताल में कर्मी भी खुदकों सुरक्षित महसुस नहीं करते है। अगर आज सीसीटीवी कैमरा सुरक्षित होता एवं चालू स्थिति में होता तो शायद चोर को पकड़ा जा सकता था।

पूर्व में भी चोर दे चुके हैं चोरी की घटना को अंजाम

एक अगस्त को गुरूवार को सदर अस्पताल के फार्मिस्ट प्रमोद कुमार की बाइक चंद मिनटों में सीएस कार्यालय के समीप से चोरी हो गई। वहीं सीसीटीवी खराब होने के कारण बाइक का पता भी नहीं चल सका। इसी के साथ 23 जुलाई को धबौली निवासी प्रमोद कुमार के पुत्र भवेश कुमार सदर अस्पताल इलाज के लिए आए थे। इलाज के दौरान अस्पताल के ओपीडी परिसर में रखी साईकिल को चोरों ने उड़ा लिए थे। इसके बाद वह कार्यालय का चक्कर लगाते रह गया, लेकिन उसके लिए किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। वहीं 29 जुलाई को सदर अस्पताल में रात के समय चोर घुस गए थे. लेकिन कर्मियों द्वारा उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया। इन सभी घटनाओं के बाद मरीज पुरी रात सामान चोरी होने के डर के कारण सो नहीं पाते हैं।

शाम में रहता है असामाजिक तत्वों का जमावड़ा

अस्पताल परिसर में शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है। जानकारी के अनुसार पिछले कई सप्ताह से हर रात चोर-चोर का हल्ला वार्ड में होता है। सदर अस्पताल की पिछली कई घटनाओं को देखे तो विश्रामगृह नहीं होने से सदर अस्पताल की रातें सुरक्षित नहीं दिख रही हैं। चोरों का आतंक यहां इतना बढ़ गया है कि हर कोई रात जाग कर ही गुजारना मुनासिब समझते है। अस्पताल में आने-जाने वालों पर नजर रखने की कोई ठोस व्यवस्था भी नहीं की गयी है। चोर भी सदर अस्पताल के वार्डों में जमीन पर सोये परिजन के बीच चोरी की घटना को आसानी से अंजाम दे रहे हैं।


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