पंजाब : तीन तलाक पर बनाया गया कानून अधूरा, परिवारों को तोडऩे वाला-शाही इमाम पंजाब

Sark International School
Spread the news

मेराज आलम
ब्यूरो, लुधियाना

मुसलमान शरीयत के अनुसार जीवन व्यतीत करें : शाही इमाम पंजाब

लुधियाना/पंजाब : केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से मुसलमानों के शादी और तलाक के विषय में पास किए गए तीन तलाक के बिल को अधूरा बताते हुए मजलिस अहरार इस्लाम हिन्द ने इसे अफसोस नाक करार दिया है।

मजलिस के मुख्यालय जामा मस्जिद लुधियाना से जारी बयान में शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि तीन तलाक पर बनाया गया कानून देश की मुस्लिम महिलाओं को धोखा देने वाला है। संसदीय कमेटी ने मुसलमान बुद्धिजीवियों की ओर से बिल में सुधार के लिए दिए गए सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया जिस की वजह से यह बिल फायदे की बजाए नुकसान देह साबित होगा। शाही इमाम ने कहा कि मियां-बीवी के घरेलू झगड़ों में पंचायत के लोग बैठ के बात करते हैं ओर तकरीबन 90 फीसदी झगड़े खत्म हो कर मियां-बीवी वापिस एक हो जाते हैं, इससे घर टूटने से बच जाता है। शाही इमाम ने कहा कि तीन तलाक पर बनाए गए कानून में पहले कदम पर ही एफ.आई.आर दर्ज कर शौहर (पति) की गिरफ्तारी का आदेश देकर टूट रहे रिश्तों को जोडऩे की बजाए तोडऩे का काम किया गया है।

शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि केंद्र सरकार अगर सच में मुस्लिम महिलाओं की हितैषी है तो उसे मुस्लिम पर्सनल ला-बोर्ड की सिफारिशों को मान लेना चाहिए था जिसमें मुस्लिम विद्वान भी चाहते थे कि तीन तलाक की बिद्दत खत्म हो लेकिन घरों को हमेशा के लिए टूटने ना दिया जाए। शाही इमाम ने कहा कि सियासी पार्टी क्या कहती है यह बाद की बात है मुसलमानों के बारे में बनाए गए कानून के विषय में मुसलमान क्या कहते हैं यह महत्वपूर्ण है। शाही इमाम ने कहा कि मुसलमानों को अपना जीवन व्यतीत करने के लिए शरीयत ही काफी है यही वजह है कि देश भर की अदालतों में मुसलमानों से संबंधित तलाक के मुकदमे सबसे कम है। शाही इमाम ने कहा कि निकाह और तलाक के अक्सर मसले मस्जिदों में हल किए जाते हैं और इस बीच अगर कोई असंतुष्ट जोड़ा कानूनी करवाई करता है तो उसे नए बनाए पास किए गए कानून से घर बसाने की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।

एक प्रश्न केउत्तर में शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान ने कहा कि मोदी सरकार को चाहिए कि इस बिल की खामियों को दूर कर इसे मुस्लिम महिलाओं के लिए सियासी पैंतरे की बजाए घरों को जोडऩे वाला रास्ता बनाए।


Spread the news
Sark International School