मधेपुरा/बिहार : बिहार के मधुबनी जिले में पत्रकार प्रदीप मंडल पर अपराधियों द्वारा गोली मारकर जानलेवा हमला का उदाकिशुनगंज के विभिन्न पत्रकार संघ ने कड़े शब्दों में निंदा किया है। आईजेए के जिला संरक्षक अरुण कुशवाहा ने कहा कि आए दिन हो रहे पत्रकारों पर जानलेवा हमला और हत्या का जवाब सरकार को देनी चाहिए। जिस प्रकार सूबे में पत्रकार पर हमले हो रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है। पत्रकार कभी अपराधियों के निशाने पर होते हैं या कभी नेता के निशाने पर या कभी प्रशासन के निशाने पर चढ़ रहे हैं यह विडम्बना ही कहा जा सकता है । पत्रकारों के साथ घटी घटना से सूबे के सभी पत्रकार पूरी तरह दहशत में है।
आईजेए के जिलाध्यक्ष कौनैन बशीर ने घटना को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताते हुए घटना में शामिल अपराधियों को कठोर सजा देने एवं घायल पत्रकार का ईलाज अच्छे हाॅसपिटल में अनुभवी डाक्टरों से कराये जाने की राज्य सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर लगातार हमला हो रहा है। इसके बावजूद सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। एनजेए के जिलाध्यक्ष सिकंदर सुमन और प्रमंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि सुबे में पत्रकार पर रोजाना हमला व हत्या किया जाना असहनशीलता की राजनीति का उदाहरण है। आलोचना की आवाजों को दबाने की कोशिश है। यह हमारे लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुखद क्षण हैं और यह घटना सचेत करती है कि असहिष्णुता और कट्टरता हमारे समाज में अपना सिर उठा रही है। एनजेए के अनुमंडल अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार सिंह, विनोद विनीत, रजनीकांत ठाकुर ने कहा कि सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून अविलंब बनाए तथा पत्रकार के सुरक्षा के लिए गंभीर होकर पत्रकारों को हित में कदम उठाए। पत्रकार के साथ कोई नहीं रहता लेकिन जब अनहोनी घटना घट जाती है तो सरकार भी कुछ रुपए का मुआवजा राशि देकर अपना मुंह बंद कर लेती है लेकिन आखिर कब तक चलेगा पत्रकारों पर अत ।
पत्रकार प्रदीप आर्या, सुमन कुमार, संजीव कश्यप, इमदाद आलम, वसीम अख्तर, अभिषेक आचार्य, रमण कुमार, गुलजार आलम, आकाश दीप, प्रिंस कुमार मिठ्ठू, नीरज झा और संजय कुमार आदि ने इस घटना को लेकर दुख जताया और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यह घटना निंदनीय है। अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाय। आए दिन पत्रकारों पर हमला हो रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सरकार को सोचना चाहिए पत्रकार के साथ सुरक्षा नहीं है । सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून अविलंब बनाए तथा पत्रकार के सुरक्षा के लिए गंभीर होकर पत्रकारों को हित में कदम उठाए।