मधेपुरा : विद्यार्थियों के ऊपर ही समाज एवं राष्ट्र का वर्तमान एवं भविष्य निर्भर करता है- एन. के. राय

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कौनैन बशीर
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : विद्यार्थी शिक्षा के मुख्य स्तंभ हैं। विद्यार्थियों के ऊपर ही समाज एवं राष्ट्र का वर्तमान एवं भविष्य निर्भर करता है। अतः यह जरूरी है कि विद्यार्थियों को समुचित शिक्षण एवं प्रशिक्षण दिया जाए। यह बात झारखंड सरकार के पूर्व सलाहकार एवं इंजीनियर इन चीफ और संप्रति राय विश्वविद्यालय, राँची में सिविल विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष एन. के. राय ने कही।

वे बुधवार को यूभीके काॅलेज, कड़ामा-आलमनगगर में आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। समारोह का आयोजन प्रेसर्स डे, राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर एवं स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप-2019 के उद्घाटन का था। एन. के. राय ने कहा कि विद्यार्थियों के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारियों का प्रचार-प्रसार करने और जागरूकता फैलाने की जरूरत है। विशेष रूप से जल संरक्षण एवं  प्रबंधन आदि के बारे में जनजागरण आवश्यक है। 

उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है, लेकिन कभी-कभी यह मृत्यु का कारण बन जाता है। इसलिए जल-शक्ति का समुचित सदुपयोग आवश्यक है। जल को रोकें नहीं, इसे अविरल बहने दें और निर्मल रहने दें।कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कहा कि शिक्षा मात्र बंद रूम की पढ़ाई नहीं है। शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास है। इसके अंतर्गत शरीर, मस्तिष्क एवं हृदय तीनों का विकास अपेक्षित है। विद्यार्थियों का शारिरीक, मानसिक एवं नैतिक विकास आवश्यक है।

कुलपति ने कहा कि सिर्फ  नामांकन कराना एवं किसी तरह डिग्री ले लेना काफी नहीं है। विद्यार्थियों को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उस दिशा में निरंतर प्रयास करना चाहिए। विवेकानंद ने कहा है कि उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते रहो। अतः सभी विद्यार्थी जीवन को संवारने का रोडमेप बनाएँ।

कुलपति ने कहा कि विद्यार्थी अवसर को पहचानें। हमारे विद्यार्थी जाॅब सीकर नहीं, जाॅब प्रोभाइडर बनें। इसके लिए विश्वविद्यालय में बी. लिस., एम. लिस., बी. एड. एवं एम. एड. की पढ़ाई शुरू की गई है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डीएसडबल्यू डाॅ. शिवमुनि यादव ने कहा कि यूभीके काॅलेज विश्वविद्यालय का माॅडल काॅलेज है। यह विश्वविद्यालय की हर गतिविधियों में अव्वल रहता है।

सम्मानित अतिथि के रूप में बोलते हुए मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. अशोक कुमार ने कहा कि भारत गाँवों का देश है। गाँवों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में यूभीके काॅलेज की महत्वपूर्ण भूमिका है। सम्मानित अतिथि सिंडीकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। इसलिए जनजन में शिक्षा के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डाॅ. माधवेन्द्र झा ने कहा कि पठन-पाठन का मूल उद्देश्य समाज एवं राष्ट्र की सेवा करना है। इसे सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी आत्मसात कर लें। निर्धारित वर्ग-तालिका के अनुरूप कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करें। महाविद्यालय शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को सभी आवश्यक सुविधाएँ देने हेतु प्रतिबद्ध है। 

कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति ने दीप प्रज्जवलित कर की। अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं पाग देकर किया गया। अभिषेक आचार्य एवं शालिनी ने जट-जटिन लोकनृत्य प्रस्तुत किया। संगीत शिक्षक नरेन्द्र ने अपनी प्रस्तुति ‘जीओ तो हिंदुस्तान के लिए’ और ‘आदमी के शहर में ढूंढता हूँ आदमी’ से लोगों का दिल जीता। कुमारी शांता एवं कुमारी अंबा ने स्वागत गीत ‘मन की वीणा से गुंजित हुआ मंगलम्’ प्रस्तुत किया।

नैक मूल्यांकन की तारीफ : कार्यक्रम के दौरान प्रायः सभी वक्ताओं ने यूभीके काॅलेज, कड़ामा को नैक से 2.8 सीजीपीए के साथ बी ग्रेड मिलने की तारीफ की। झारखंड सरकार के पूर्व सलाहकार एन. के. राय ने कहा कि नैक से सम्मानजनक ग्रेड मिलना यह साबित करता है कि यह महाविद्यालय शिक्षा के मापदंड को पूरा करता है। यहाँ जो सुविधाएँ उपलब्ध हैं, वह कई अंगीभूत महाविद्यालयों में भी नहीं हैं। इस महाविद्यालय को बहुत पहले अंगीभूत महाविद्यालय बन जाना चाहिए। कुलपति ने कहा कि इस महाविद्यालय में विद्यार्थियों को काफी सुविधाएँ मिल रही हैं। मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. अशोक कुमार ने कहा कि यहाँ कुलपति के आशीर्वाद से चार वर्षीय बी. एड. कोर्स की शुरूआत होगी।

कार्यक्रम में एनएसएस के प्रभारी समन्वयक डाॅ. अभय कुमार यादव, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव, प्रधानाचार्य डाॅ. ललन कुमार झा, निदेशक कम्यूनिटी काॅलेज सुनीता झा,  इंजीनियर सिप्पु कुमार, शेखर झा, विनय कुमार झा, रवीन्द्रनाथ आचार्य, प्रकाश मिश्रा, चंद्रशेखर मिश्र, नंदन मिश्र आदि उपस्थित थे।


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