करोड़ों खर्च के बावजूद नगर परिषद्, मधेपुरा, शहरवासियों के लिए बना अभिशाप, रकम खर्च हुआ या डकार लिया गया?

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : रविवार देर रात से लगातार हो रही बारिश ने ना शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है बल्कि तस्वीरें, शहर के विकास में खर्च हुए करोड़ों रूपये की सच्चाई भी बखूबी ब्यान रही है । जलजमाव की वजह से लोगों को मुख्य बाजार तो दूर घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। यह कहानी नई नहीं है। शहरी लोगों को प्रत्येक वर्ष ऐसी ही फजीहत से दो चार होना पड़ता है। इसके बावजूद सांसद, विधायक ही नहीं नगर परिषद भी उदासीन बनी हुई है। जिले के अधिकारी भी जनता की समस्या से रूबरू होने के बावजूद योजनाओं के नाम पर आश्वासन का डोज दे रहे है।

मधेपुरा नगर परिषद् के विकास की तस्वीर

ज्ञात हो कि कुछ वर्ष पूर्व नगर परिषद द्वारा शहर के विभिन्न वार्डों में करोड़ों की राशि से नाला का निर्माण भी कराया गया था। जो जलनिकासी नहीं रहने की वजह से जनता के काम नहीं आ सकी। शीघ्र ही नगर परिषद जलजमाव की समस्या का निदान नहीं करती है तो आने वाले समय में शहर के लोगों को बहुत परेशानी हो सकती है।

मुख्य सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल : बारिश के बाद शहर की मुख्य व गली मोहल्ले की सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। खासकर स्टेशन रोड में सड़क पर बन आये गड्डों में जलजमाव होने की वजह से वाहन चालकों को भी परेशानी हो रही है। राहगीर भी किचर के बीच से आवाजाही करने को मजबूर हो रहे है। सड़क पर जलजमाव के कारण सुबह-सुबह सैर सपाटा के लिए निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई। लोगों ने बताया कि जलभराव के कारण गड्डों का अनुमान नहीं लगने पर हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।

मधेपुरा नगर परिषद् के विकास की तस्वीर

जलनिकासी की नहीं है व्यवस्था : मानसून की बारिश अभी शेष है। ऐसे में कुछेक देर के लिए हुई बारिश ने नगर परिषद के जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। ज्ञात हो कि शहर में ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनने के कारण नाला में जलभराव की स्थिति बनी रहती है। जो बारिश के बाद सड़क के गंदगी के साथ मिल कर तैरने लगती है। कमोबेश शहर की सभी सड़कों की हालत खराब है। शहर के पानी टंकी चौक, अस्पताल, कर्पुरी चौक के पास जलजमाव के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल है।

मधेपुरा नगर परिषद् के विकास की तस्वीर

लोगों का घरों से निकलना मुश्किल :  एक भी मार्ग ऐसा नहीं जहां पानी न लगा हो। लोग पानी में छपछप कर चलते नजर आये। बारिश से लोगों को को उमश भरी गर्मी से राहत मिली। पूरे शहर में जल जमाव होने से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया. भिरखी चौक एवं भिरखी मुहल्ला चौक की स्थिति इस कदर है कि यहां घुठने भर पानी में बड़ी गाड़ी बायपास तरफ जाना खतरे से खाली नहीं है। पूर्णिया गोला के पास नाला इस कदर टूटा हुआ है कि जमे पानी में पता नहीं चल पाता है। लेकिन बारिश के कारण शहर के जगजीवन पथ, रेलवे ढाला, कर्पूरी चौक, भिरखी मुहल्ला, जीवन सदन, सुभाष चौक, पूर्णिया गोला चौक  समेत विभिन्न जगह पर जल जमाव हो गया है। भिरखी, पूर्णिया गोला चौक पर होकर गुजरे सैकड़ों बाइक में से दर्जनों बाइक चालक गिर कर चौटिल भी हो गये। हालांकि इस दौरान कोई बड़ी घटना नहीं घटी। अगर जल्द जल जमाव के दिशा कोई पहल नहीं किया गया तो बड़ी घटना भी घट सकती है।

मधेपुरा नगर परिषद् के विकास की तस्वीर

हल्की बारिश में होता है जल जमाव : शहर की मुख्य सड़क के अलावा कुछ अन्य जगहों पर हल्की सी भी बारिश होने पर जल जमाव तुरंत हो जाता है। शहर में पानी टंकी चौक के पास, सदर अस्पताल के निकट मुख्य सड़क पर, थाना गेट के पास समेत अन्य जगहों पर हल्की सी भी बारिश में पानी जमा हो जाता है। पानी टंकी चौक पर मोड़ होने के कारण यहां सड़क एक ओर उंची तथा दूसरी ओर नीची है। निचले हिस्से में जमा पानी को सूखने में करीब पंद्रह दिन लगते हैं। इस बीच अगर फिर से बारिश हो गयी तो लोगों को फिर अगले पंद्रह दिन का इंतजार करना पड़ता है।

मधेपुरा नगर परिषद् के विकास की तस्वीर

अधिकारी से लेकर आम लोग तक जल जमाव से है परेशान : बारिश से जिला मुख्यालय के सड़कों पर पानी जमा हो गया। बारिश के कारण मुख्यालय के नालों के उपर से पानी बहने लगा। जिस कारण मुख्य बाजार में नीचे बैठ कर समान बेचने वाले फूटकर दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बारिश से शहर की सड़कों पर लोगों का पैदल चलना हुआ दुश्वार हो गया। बारिश से मुख्यालय स्थित कई अहम सरकारी कार्यालय परिसर झील में तब्दील हो चुका है। इसमें मुख्य रूप से डीआरडीए परिसर, सदर अस्पताल परिसर सहित अन्य कार्यालय परिसर पानी भर गया है। कार्यालयों में जाने के लिए आम लोगों के साथ-साथ पदाधिकारी व कर्मचारियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोग हाथ में जूता चप्पल लेकर किसी तरह पानी को पांव से धकलते हुए कार्यालय पहुंच रहे थे।


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