अररिया/बिहार : झारखंड में हुए मोब लिंचिंग के खिलाफ छात्र संगठन एस०आई०ओ० अररिया के द्वारा एक विशाल जुलूस का आयोजन किया गया। रैली बर्मा सेल से निकल कर चांदनी चौक पहुंच कर एक नुक्कड़ सभा मे तब्दील हो गई। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने देश मे हो रहे मोब लिंचिंग की घटनाओं की कड़ी निंदा की और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए।
इस दौरान विभिन्न वक्ताओं ने मॉब लिंचिंग की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की इतनी बर्बरता और अमानवीयता के साथ सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि वह एक विशेष समुदाय से संबंध रखता था। ये पूरे समाज को शर्मसार कर देने वाली घटना है। चोरी या किसी अन्य अपराध के बावजूद किसी को भी आरोपी पर हमला करने और उसकी जान लेने का अधिकार नहीं है।
पुलिस का रवैया भी सवाल के घेरे में आता है, क्योंकि पुलिस ना केवल इस जघन्य घटना को रोकने में विफल रही, बल्कि भीड़ के खिलाफ मामला दर्ज करने में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का उल्लंघन किया है। तबरेज अंसारी नामक युवक के साथ ये घटना पहली घटना नहीं है, इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है और ऐसी घटनाओं को रोकने में राज्य सरकार पहले भी विफल रही है।
एसआईओ (स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया) का यह मानना है कि भारत में प्रत्येक धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ लिंचिंग और अन्य प्रकार की हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए एससी एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की तर्ज पर एक राष्ट्रीय कानून होने की आवश्यकता है। इसके अलावा वक्ताओं ने सोशल मीडिया पर भी जोरदार हमला करते हुए कहा कि आज सोशल मीडिया युवाओं को गुमराह कर रही है, और सोशल मीडिया पर विशेष संगठनों द्वारा युवाओं के बीच हिंदू मुस्लिम के नाम पर एक भेदभावपूर्ण माहौल बनाया जा रहा है,जो देश की गंगा जमुनी तहजीब पर करारा हमला है। इसके लिए समाज के सभी इंसाफ पसंद लोगों को आगे आने की जरूरत है। जुल्म के खिलाफ इंसानियत के नाम पर एक नारा बुलंद करना होगा। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सभी दोषियों को सख्त सजा और पीड़ितों को इंसाफ की मांग की गई।
सभा को मो० फैसल, मो० कयूम, मुशीर आलम आदि ने संबोधित किया। मौके पर मोज़म्मिल जमाल, मो०रिजवान, फैजान, राशिद, अताउर्रहमान समेत सेंकड़ों छात्र व युवा मौजूद थे।