कुमारखण्ड/मधेपुरा/बिहार : कुमारखंड/मधेपुरा /बिहार : बेहद खतरनाक चमकी बुखार ने कोशी क्षेत्र में दस्तक दे दिया है । मधेपुरा जिला में इस बुखार से एक तीन वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है । लिहाजा जिले में दहशत का माहौल है । स्वास्थ्य विभाग के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मधेपुरा जिला के कुमारखण्ड प्रखंड के ईसराइन खुर्द पंचायत स्थित वार्ड नं 06 में चमकी बुखार से तीन वर्षीय मासूम की मौत इलाज के दौरान हो गयी ।मृत बच्चे के परिजनों में दहशत का माहौल है।
प्रखंड के यदुआपट्टी गांव निवासी रामचंद्र यादव के तीन वर्षीय पुत्र अंकेश कुमार अचानक तेज बुखार से बीमार हो गये और चमकने लगे। परिजनों ने आनन-फानन में उसे जिला मुख्यालय स्थित मिशन अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ इलाज के दौरान सोमवार की सुबह अंकेश की मौत हो गई।मृतक के पिता रामचन्द्र यादव ने बताया अचानक अंकेश को बुखार आया और चमकने लगा ।उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ इलाज के दौरान मौत हो गयी ।उन्होंने बताया कि उनके चार पुत्र-पुत्री में सबसे छोटा पुत्र अंकेश था। वही माँ का रो-रो कर बुरा हाल है। उक्त बाबत स्वास्थ विभाग का कहना है यह महामारी का रूप ले चुका है और इससे निबटने के लिए हमें जल्द से जल्द पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है। सनद रहे कि सूबे में चमकी बुखार से लगातार बच्चे मौत के शिकार हो रहे हैं।बिहार में अबतक 111बच्चों की एईएस से मौत हो चुकी है।पूरे बिहार में हाहाकार मचा है। बिहार के कई जिलों में चमकी बुखार से बच्चे की मौत हो चुकी है
चमकी के शिकार:-कुपोषित बच्चे जल्द होते है इसके शिकार ।चमकी का मुख्य कारण कुपोषण है। चमकी बुखार के लक्षण:-चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार हमेशा ही रहता है। इस दौरान बच्चे के शरीर मे ऐठन होती हैं।दाँत किटकिटाने लगता है।आँखे लाल हो जाती है।कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश हो जाता है।शरीर सुन हो जाता है।बच्चें को चिकौटी काटेंगे तो उसे पता नही चलता है।जबकि आम बुखार में ऐसा नही होता हैं और शरीर में किसी प्रकार का सूजन नही होता है।