बिहार बोर्ड द्वारा लागू किये गये परीक्षा सुधारों का मुरीद हुआ छत्तीसगढ़ बोर्ड

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कौनैन बशीर
उप संपादक

बिहार : वर्ष 2019 में बिहार बोर्ड द्वारा पूरे देश में कीर्तिमान स्थापित करते हुए इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक वार्षिक परीक्षा तथा कंपार्टमेंटल परीक्षा का रिजल्ट आधुनिकतम तकनीक के माध्यम से रिकार्ड समय में जारी करते हुए पूरे परीक्षा चक्र (Exam Cycle) को मई माह में ही पूरा किया, जिसके कारण बिहार बोर्ड को देश के विभिन्न बोर्डों से सराहना (Accolades) मिली है। साथ ही, देश के विभिन्न बोर्डों ने बिहार बोर्ड द्वारा रिकार्ड समय में परीक्षाफल जारी करने के संबंध में जिज्ञासा प्रकट की है और वे बिहार आकर परीक्षा व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के माध्यम से पूरे परीक्षा व्यवस्था में किये गये बदलावों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक भी हैं।

इसी क्रम में छत्तीसगढ़ बोर्ड ने बिहार बोर्ड द्वारा रिकार्ड समय में परीक्षा चक्र (Exam Cycle) पूरा करने के कारणों एवं परीक्षा व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के माध्यम से किए गए महत्वपूर्ण सुधारों का अनुभव प्राप्त करने के लिए एवं समिति द्वारा परीक्षा प्रणाली में लागू नई तकनीकी व्यवस्था का अध्ययन करने की इच्छा जतायी।

इस आलोक में छत्तीसगढ़ बोर्ड ने अपने उप सचिव, संजय शर्मा के नेतृत्व में टीम को बिहार बोर्ड भेजा। इस दौरान बिहार बोर्ड मुख्यालय पहुँचने के बाद टीम के सदस्यों ने  आनन्द किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, बिहार बोर्ड के सचिव अनुप कुमार सिन्हा तथा अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात की तथा बिहार बोर्ड द्वारा सम्पूर्ण परीक्षा व्यवस्था में किए गए महत्वपूर्ण बदलावों के संबंध में जानकारी प्राप्त की।

इस दौरान अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ बोर्ड की टीम के साथ परीक्षा व्यवस्था की चुनौतियों तथा तकनीक के आधार पर उन चुनौतियों को समाप्त करते हुए उच्च तकनीक पर आधारित उत्कृष्ट परीक्षा व्यवस्था को लागू करने तक के सम्पूर्ण अनुभव को साझा किया। समिति अध्यक्ष द्वारा छत्तीसगढ़ बोर्ड की टीम को संपूर्ण परीक्षा व्यवस्था यथा- बारकोड एवं लिथोकोड के साथ Pre-Printed काॅपी एवं ओव्म्एमव्म्आरव्म्शीट की व्यवस्था, बिहार बोर्ड द्वारा विकसित किए कई नए Computerised Formats नए Computerised Formats  का Design  सभी विषयों में प्रश्नपत्रों के 10 सेट तैयार करने, सभी विषयों में 50% Objective प्रश्न रखने आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी।

इस दौरान समिति के पदाधिकारियों द्वारा परीक्षाओं के कदाचारमुक्त एवं सुदृढ़ व्यवस्था के साथ संचालन करने तथा परीक्षा संचालन से संबंधित पूरी व्यवस्था यथा- विद्यार्थियों के परीक्षा भवन में परीक्षा प्रारम्भ होने से 10 मिनट पूर्व तक इन्ट्री कर लेने, परीक्षा भवन में जूता-मोजा की जगह चप्पल पहनकर प्रवेश करने, विद्यार्थियों की दो स्तर- पहला गेट पर तथा दूसरा परीक्षा भवन के अंदर- पर Frisking करने, प्रत्येक 25 विद्यार्थी पर एक वीक्षक की प्रतिनियुक्ति करने, परीक्षा केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन एवं विडियोग्राफी की व्यवस्था से पूरे परीक्षा संचालन पर कड़ी नजर रखने, पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की व्यवस्था करने के साथ-साथ परीक्षा केन्द्राधीक्षक के अतिरिक्त किसी भी वीक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को परीक्षा केन्द्र पर मोबाईल फोन नहीं रखने आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी।

साथ ही, अध्यक्ष ने उन्हे ं बताया कि समिति द्वारा राज्य के प्रत्येक जिले में चार माॅडल केन्द्रों की स्थापना के Concept को लागू किया गया है, जिसमें प्रत्येक माॅडल केन्द्र को फूलों, गुब्बारों, कारपेटिंग, हेल्पडेस्क इत्यादि से सुसज्जित करते हुए प्रत्येक माॅडल केन्द्र पर महिला शिक्षकों, महिला दण्डाधिकारियों, महिला कर्मियों इत्यादि की प्रतिनियुक्ति की जाती है- इससे विद्यार्थियों के बीच परीक्षा माहौल बेहतर बनता है।

इसके बाद समिति अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ बोर्ड के उप सचिव के साथ समिति मुख्यालय में बन रहे प्रशासनिक भवन एवं बज्र गृह (Strong Room) का निरीक्षण किया, जिस दौरान परीक्षा में प्रयुक्त होने वाले सभी सामग्रियों एवं परीक्षा समाप्ति के बाद समिति द्वारा अपनायी जाने वाली गोपनीय प्रक्रियाओं एवं उसमें आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी।

इस दौरान छत्तीसगढ़ बोर्ड से आये हुए उप सचिव ने बताया कि बिहार बोर्ड ने आधुनिक तकनीक के प्रयोग से सम्पूर्ण परीक्षा व्यवस्था में जो बदलाव किया है वह अनुकरणीय है, क्योंकि इंटर एवं मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने वाले लगभग 30 लाख विद्यार्थियों के परीक्षा का पूरी कड़ाई के साथ संचालन करने तथा उसके बाद परीक्षा में व्यवहृत उत्तरपुस्तिकाओं की बारकोडिंग, उसका मूल्यांकन एवं रिजल्ट तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और ऐसे में बिहार बोर्ड द्वारा पूरे देश में सबसे पहले रिकार्ड समय में रिजल्ट प्रकाशित किया जाना बिना उच्च तकनीक का इस्तेमाल किए हुए संभव नहीं है। उप सचिव ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ बोर्ड भी बिहार बोर्ड द्वारा लागू किये जा रहे कुछ आधुनिक बदलावों को लागू करेगा ताकि आगामी परीक्षाओं को और अधिक बेहतर तथा सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।


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