बिहारीगंज/मधेपुरा/बिहार : पति के दीर्घायु और सलामती की कामना करते हुए महिलाओं ने श्रद्धा व विश्वास के साथ वट सावित्री की पूजा की। महिलाएं पूरा श्रृंगार कर पुराने बरगद के पेड़ के नीचे इकट्ठा हुईं और वट वृक्ष में कच्चा धागा लपेट कर पति के दीर्घायु की कामना की।
साथ ही पेड़ की जड़ में खीरा, लीची, आम केला पकवान आदि अर्पित करते हुए पूजा अर्चना की और सुख समृद्धि की कामना भी की। महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए सोलह श्रृंगार कर पारंपरिक तरीके से वट सावित्री की पूजा की। कुस्थन चौक, विश्वकर्मा चौक, स्टेशन परिसर में लगे वट वृक्षों के नीचे पूजा करने वाली महिलाओं का दोपहर बाद तक तांता लगा रहा। इस बार अमावस्या की तिथि 12 बजे के बाद लगी। इसलिए वट सावित्री की पूजा भी 12 बजे के बाद शुरू हुई। बिहारीगंज के प्रसिद्ध चंडिका मंदिर में दिन भर मेला लगा रहा।
इस पर्व के अवसर पर खास कर नई नवेली दुल्हनों और सुहागिनों ने वट सावित्री का पूजन किया। सुहागिनों ने निराहार व्रत रखकर वट वृक्ष पर कच्चा पीला धागा लपेट कर धूप, दीप से पूजन किया। बिहारीगंज बाजार सहित आसपास के गांव में वट सावित्री पूजन पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिसमें महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए सोलह श्रृंगार कर सावित्री पूजन करते हुए अखंड सौभाग्य की कामना की।