आज विश्व के प्रथम हिंदी अखबार उदन्त मर्तण्ड के अस्तित्व की जयंती के उपलक्ष्य में हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। सभी पत्रकार बंधुओ को अशेष शुभकामनाएं और विशेष स्नेह। ब्रह्मांड के प्रथम पत्रकार देवर्षि नारद ने त्रिलोक पत्रकारिता से तीनों लोकों में संचेतना का संवहन करते रहे उसी तरह पत्रकारिता ने आज के समाज को जोड़ने का काम किया है, समय समय पर समाज से लेकर सरकार तक, सच्चाई से लेकर सरोकार तक पत्रकारिता ने सदैव महती भूमिका निभाई। पत्रकारिता का एक अपना संघर्ष रहा है, सच बोलने पर पत्रकारों की हत्या तक की जाती रही, ईमानदारी का मोल जान से चुकाना या राजनैतिक दबाव हर तरह के दौर से गुजरी पत्रकारिता आज अपनी एक अलग पहचान रखती है फिर भी पत्रकारिता बहुत से प्रश्नों के कटघरे से खुद को बरी नहीं कर सकती। पत्रकारिता ने निसंदेह समाज को एक करने में महती भूमिका निभाई , सच को दिखाया लेकिन मिर्च मसाले और टीआरपी की जरूरत, जो कि आज कल बेहद आवश्यक भी है। क्योंकि आप दिखेंगे नहीं तो बिकेंगे नहीं और बिकेंगे नहीं तो आप को कौन पढ़ेगा? इस कंडीशन ने पत्रकारिता को काफी हद तक अपने जब्त में भी ले लिया। सही को सही न कह पाना भी एक मजबूरी हो गयी है लेकिन यदि मजबूरी आपकी मजबूती को तोड़े तो मान लीजिए आपका स्तर गिरा भी है। सब के सब अपने प्रिय पत्रकारों में अपना समर्थन जोहते हैं। ऐसे समर्थकों ने भी पत्रकारिता को मजबूर बनाने में भूमिका निभाई बाकि बहुत से रिपोर्टर बंधु अपने अनावश्यक हाईपर रिपोर्टिंग से पत्रकारिता को कितना दें पा रहे हैं वो अपना आकलन खुद करें। बहुत सी बातें हैं जो कहने की जरुरत नहीं है फिर भी पत्रकारिता अपने आप में आज के समय की वो कड़ी है जो समस्त मुहिम की एक सशक्त संबल है, मेरी शुभकामनाएं सदैव समर्पित और अच्छे (नो डेफिनेशन) पत्रकारों के साथ विशेष रूप से हैं। देश के सभी पत्र पत्रिकाओं, दैनिक समाचार एजेंसियों, डिजिटल न्यूज पेपर और समस्त पत्रकारिता प्रेमियों को हिन्दी पत्रकारिता दिवस की अशेष शुभकामनाएं।