
स्थानीय संपादक
पटना/बिहार : एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें ना कोई शर्ते ,ना कोई समझौता । एक ऐसा प्यार जहाँ ना किसी धर्म का बात, ना कोई जाति की बात,जहाँ पे सिर्फ प्यार ही प्यार।
एक अमर प्रेम कहानी। जो आदर्श बन गई आज के युग की एक ऐसी गाथा जो सभ्यता प्रतिष्ठा और सच्ची प्रेम कहानी का प्रतीक है।
एक छोटा सा शहर और एक छोटी सी प्रेम कहानी रहमान संग अमिता। कई बार जो भावनाएं बातों से इजहार नही हो पाती, वो नजरों से और अदाओं से जाहिर हो जाती हैं। कुछ ऐसा ही प्रेम रहमान और अमिता ने भी किया था, है और करते रहने की एक दूसरे संग कसम खाई है। सादगी और मेघावी कुछ ऐसे ही थे गुरु रहमान जिसे अमिता ने पसंद किया। दोनों की निगाहों ने एक दूसरे की धड़कनो को सुन लिया और फिर वे सहपाठी से प्रेमी युगल हो गए।
सच कहा है किसी ने प्रेम तो प्रेम है वो कहाँ किसी की सुनता है। इनकी भी कहानी का मोड़ आया जिसे आपने पहले भी पढ़ा होगा।
अक्सर प्रेम कहानी अधूरी रहती है पर इनकी प्रेम कहानी पूरी तो हुई लेकिन कुछ असहनीय बलिदानों को दे कर।
प्रेम नाम शब्द कुछ ऐसा है जो प्यार दे कर बहुत कुछ ले जाता है जहाँ अपने बिछड़े, समाज ने भी बहिष्कार किया और तो और जिंदगी ने भी परीक्षा का पूरा इंतज़ाम कर रखा था उन दिनों। लेकिन ये शख्स कहाँ हारने वाला था इसने प्रेम किया था सच्चा वाला प्रेम जो शक्ति बन कर हर कठिनाइयों और बाधाओं को दरकिनार कर अपनी जमीं बनाई जहाँ वो आज खड़े है सीना तान कर।
आज के युग के एक आदर्श दम्पति जो प्यार नाम की गरिमा को कभी झुकने नही दिया एक दूसरे संग हो कर भी एक दूसरे से अलग रहे काफी सालों तक।
प्रेम शब्द को कुछ इस तरह परिभाषित किया इस समाज के समक्ष जो ढूंढने से भी न मिले।
पेशे से तो भले ही वो एक शिक्षक हैं पर है वो एक गुरु हैं एक ऐसे गुरु जो हर वक़्त हर घड़ी हर लम्हा अपने बच्चों को शिक्षा और दीक्षा देते आये है। आज वो सफलता की मिसाल बन बैठे हैं। कुछ ऐसी ही थी हमारे गुरु रहमान की कहानी, परन्तु आज के युवाओं को भले ही अच्छी न लगे लेकिन यह कटु सत्य है की आज के युवा वर्ग प्यार नाम के शब्द को गंदा कर बैठे हैं। प्यार करना कोई बुरी बात नही परन्तु यदि हम अपनी सीमाओं का उलँघन करें तो उसे प्यार करने का अधिकार नही।