वैशाली/बिहार : ज़िले के महुआ अनुमणडल क्षेत्र के चेहराकला प्रखंड के वक्सामा शरीफ़ में जिक्र-ए-शहादत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुफ़्ती अली रज़ा मिस्बाही ने कीया, जबकि संचालन अब्दुला इमामी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विश्व के प्रसिद्ध हफीजुल हदीस हज़रत मौलाना अबूल हक्कानी उपस्थित हुए।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ने कहाँ के आज लोग मोहर्रम में ढोल तासे बजाते है, ये गलत बात है। उन्होने कहा के आज के नौंजवान वेलावजह फ़िल्म व गाने में मसगुल रहते हैं, जिसका नतीजा है कि उनकी माँ, बहु, बेटी, बहन समेत अन्य की लुटती इज्जत आबरू की आवाज़ को कोई सुनने वाला नही है। आज सब बुराई का जड़ मोबाइल है। नौंजवान ज़िंदगी में कामयाबी चाहते हैं तो, उन्हें मोबाइल से दूर होना पड़ेगा, और जिस तरह हक़ के लिए हज़रतें ईमामे हुसैन ने अपनी जान लुटा दीया, लेकिन बातिल के आगे सर को नही झुकाया। इसी तरह हमलोगो को भी हक़ व बातिल की पहचान करना होगा। कार्यक्रम में सोहराब रजा कादरी, मुबारक हुसैन मुबारक, हैदर खान, मोख्तार खान, मोहम्मद सगीर, अनवर आज़ाद, जमशेद आलम, मोनीर अहमद, मोहम्मद कमाल, इजाज़, अख्तर हुसैन नौंजवान कमिटी के अलावा हज़ारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए।