मधेपुरा/बिहार : बुधवार को जिला मुख्यालय के कला भवन के समीप विश्वकर्मा कास्ट शिल्पी विकास समिति के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन संबंधित 11 सूत्री मांगों को रखते हुए उन्होंने जिलाधिकारी मधेपुरा के कार्यालय में आवेदन दिया। इस धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष ललित ना शर्मा ने किया।
समिति के सचिव सह प्रदेश संयुक्त सचिव जानेश्वर शर्मा ने कहा कि देश की आजादी के 71 वर्षों बाद भी बढई विश्वकर्मा उपेक्षित है। बढई विश्वकर्मा जाति की 80 लाख जनसंख्या रहने के बावजूद राज्य सत्ता में इसकी भागीदारी शुन्य है। राज्य सत्ता में भागीदारी के बिना सामाजिक व आर्थिक विकास संभव नहीं है। बड़े विकास समाज के ऊपर राज्य में शोषण, अत्याचार और जुल्म ढाए जा रहे हैं। कहीं कोई देखने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा 10 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जा चुका है। लेकिन बढ़ई जाति को अभी तक शामिल नहीं किया गया है। 90% लोग मजदूरी कर अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं। यह समाज सभी अधिकारों से वंचित है। ऐसी परिस्थिति में संघर्ष के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने अपनी मांगों में संस्था बल के आधार पर राज्य में भागीदारी, बढ़ई जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर, बिहार भवन संशोधन अधिनियम 09/1900 को निरस्त करने तथा कास्ट कर्मी 356 झूठा मुकदमा वापस करने, बिहार भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के निबंधन में श्रम विभाग की मनमानी पर रोक लगाने, श्रमिकों का ऑनलाइन निबंधन जल्द करने अन्य मांगों के लिए धरना प्रदर्शन किया।
मौके पर समिति के उपाध्यक्ष प्रो सीताराम शर्मा, कैलाश शर्मा, गोविंद शर्मा, राजेंद्र शर्मा, कपिलदेव शर्मा, उपेंद्र शर्मा, बिलास शर्मा, पप्पू शर्मा, दिनेश शर्मा, सुनील शर्मा, आनंद शर्मा, उमेश शर्मा, जवाहर शर्मा, गांधी शर्मा, महेंद्र शर्मा, अनिल शर्मा, ललन शर्मा, रामेश्वर शर्मा, बंशीधर शर्मा, शंभू शर्मा, जनक शर्मा, भूदेव शर्मा, विद्यानंद शर्मा एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।